परेशानी - रेल पटरियों पर मवेशी, रफ्तार हो रही धीमी

परेशानी - रेल पटरियों पर मवेशी, रफ्तार हो रही धीमी
  • रफ्तार हो रही धीमी
  • रेल पटरियों पर आ रहे मवेशी
  • परेशानी का सबब

डिजिटल डेस्क, नागपुर. सड़कों पर मवेशियों को डेरा जमाए रखना आम बात है। ठीक इसी तरह रेलवे पटरियों पर भी इनकी मौजूदगी देखी जा रही है। इससे ट्रेनों की रफ्तार धीमी हो रही है। जून महीने दपूम रेलवे नागपुर मंडल ने 8 मवेशी मालिकों पर कार्रवाई की है। बावजूद इसके मवेशी ट्रेन की पटरियां पर दिखाई दे रहे हैं। दिल्ली लाइन पर इटारसी पुलिया के पास, हावड़ा लाइन पर कलमना के पास, मुंबई लाइन पर बुटीबोरी के पास आए दिन मवेशियों को देखा जा सकता है, जो कई बार हादसे का कारण भी बने हैं।

26 अभियान चलाए गए : रेल पटरियों पर मवेशियों के रेलगाड़ी से टकराने की घटनाओं से न केवल ट्रेनों का परिचालन समय, बल्कि उनमें यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा और संरक्षा भी प्रभावित होती है। ट्रेनों के साथ मवेशियों के टकराने की घटनाओं को कम करने के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल के संबंधित रेल कर्मियों व आरपीएफ द्वारा लगातार मवेशी मालिकों को इससे होने वाले नुकसान और कानूनों की समझाइश दी जा रही है, ताकि इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। जून माह में डोंगरगढ़-राजनांदगांव-रसमड़ा खंड पर कुल 26 अभियानों के माध्यम से मवेशियों के मालिकों को इससे होने वाले नुकसानों और कानूनों की समझाइश दी गई और 8 मवेशी मालिकों के विरुद्ध रेल नियम के तहत कानूनी कार्रवाई भी की गई।

रेल पटरियों पर आ जाते हैं मवेशी : मवेशी घास चरते-चरते रेल पटरियों पर आ जाते हैं और गाड़ियों की चपेट में आने से दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। ऐसे हादसों से न केवल गाड़ियों का परिचालन प्रभावित होता है, बल्कि रेलवे संपत्तियों को भी नुकसान होता है। रेल यात्रियों के जान-माल की सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाती है। रेल प्रशासन मवेशी मालिकों से अपील करते हैं कि वे अपने मवेशियों को रेल लाइनों से दूर रखकर रेल परिचालन को सुगम बनाने में मदद करें और अनावश्यक कानूनी कार्रवाई से बचें, इसके बावजूद मवेशी मालिक पटरी पर मवेशियों को छोड़ देते हैं।

नियमानुसार इस तरह के मामले मे रेलवे अधिनियम 1989 की धाराएं 153 और 154 के तहत जुर्माना या जेल या फिर दोनों सजा का प्रावधान है। इस प्रकार के मामले की पुनरावृति होने पर दोषी के खिलाफ अधिकाधिक अर्थदंड एवं कठोर कार्रवाई का जा सकती है।

Created On :   31 July 2023 6:52 PM IST

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