चांद पर तिरंगा, नागपुर शहर में जश्न

चांद पर तिरंगा, नागपुर शहर में जश्न
इसरो के वैज्ञानिकों की जय-जयकार होती रही

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अंतरिक्ष खोज में बुधवार का दिन भारत के लिए ऐतिहासिक रहा। चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग हुई। सारी दुनिया की निगाहें चंद्रयान-3 पर टिकी थीं। इस सफलता के साथ ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला पहला देश बन गया है। देश भर में इसरो के वैज्ञानिकों की जय-जयकार होती रही। शहर में भी उत्सव जैसा माहौल रहा। रमन साइंस सेंटर में विशेष आयोजन में शामिल लोगों ने चंद्रयान-3 के चांद पर लैंडिंग का यह नजारा देखा। अंतरिक्ष के अध्ययन में रुचि रखने वाले तथा विद्यार्थियों का काफी पहले से ही यहां जमावड़ा लगने लगा था। जैसे-जैसे चंद्रयान चांद के करीब पहुंच रहा था, देखने वालों की धड़कनें तेज हो रही थीं। चंद्रयान-3 की चांद पर लैंडिंग सफल होते ही ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए गए। इसरो के वैज्ञानिकों का अभिनंदन कर सभी ने एक-दूसरे को बधाई दी। शहर के अनेक स्थानों पर बड़े-बड़े स्क्रीन लगाए गए थे। घरों में भी लोग टीवी के सामने बैठे रहे। लक्ष्मीभुवन चौक पर भी लोगों की भारी उपस्थिति रही। ढोल-नगाड़ों की धुन पर युवाओं ने अपना जोश दिखाया। देर रात तक आतिशबाजी होती रही। इसके पहले गणेश टेकड़ी मंदिर सहित अनेक मंदिरों में दिन भर पूजा-अर्चना हुई। राजनीतिक पार्टियों ने भी जश्न मनाकर मिठाइयां बांटी। सोशल मीडिया पर बधाइयों का तांता लगा रहा।

चंद्रयान-3 से जुड़ी रहीं विभागीय आयुक्त बिदरी

नागपुर संभाग की आयुक्त विजयलक्ष्मी बिदरी चंद्रयान-3 से जुड़ी रही हैं। उन्होंने करीब 3 साल तक बेंगलुरू के यूआर राव उपग्रह केंद्र में नियंत्रक के रूप में काम देखा। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद सभी वैज्ञानिक, इंजीनियर और देशवासियों को बधाई देते हुए विभागीय आयुक्त बिदरी ने अपनी यादें साझा करते हुए बताया कि मुझे इसरो से जुड़े होने पर गर्व है। मैंने 3 साल से अधिक समय तक बेंगलुरु में यूआर राव उपग्रह केंद्र के नियंत्रक के रूप में काम किया है। चंद्रयान-3 हमारे केंद्र में बनाया गया था और मैं परियोजना के घटकों की खरीद, लॉजिस्टिक्स और वित्तीय पहलुओं के लिए चंद्रयान-3 टीम से जुड़ी थी।

कोविड के बावजूद यह प्रोजेक्ट 4 साल से भी कम समय में पूरा हुआ। सफल लैंडिंग के बाद परियोजना निदेशक वीर मुथुवेल, मेरे पूर्व बॉस शंकरन सर और हमारे इसरो अध्यक्ष सोमनाथ सर को बोलते हुए देखकर बहुत गर्व के साथ भावुक हुईं। उन्होंने देश को 75 साल की सबसे अद्भुत उपलब्धि दी है। इसरो टीम को बधाई। विभागीय आयुक्त ने अप्रैल 2019 से जुलाई 2022 तक इसरो और यूआरएससी में अपने समय की कुछ यादें साझा करते बताया कि पिछले साल प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. अजय सूद केंद्र में चंद्रयान-3 सहित परियोजनाओं को आए थे। उस समय मैं, मुथु, शंकरन सर और सोमनाथ सर साथ में थे।

Created On :   24 Aug 2023 2:29 PM IST

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