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आरटीआई से खुलासा: इस तालाब के विकास का पैसा कहां गया
- डीपीआर सहित अन्य जानकारियां देने से बच रही महानगरपालिका
- तालाब के विकास का पैसा कहां गया
डिजिटल डेस्क, नागपुर. लेंडी तालाब को पुनर्जीवित करने केंद्र सरकार द्वारा अमृत 2.0 अभियान अंतर्गत लेंडी सरोवर पुनरूज्जीवन प्रकल्प को शामिल किया गया। इसका कायापलट करने के लिए केंद्र ने 14.15 करोड़ रुपए मंजूर किए थे। 2 नवंबर 2022 को इस संबंध में शासकीय परिपत्रक (जीआर) भी जारी हुआ था। मनपा सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा इस प्रकल्प का क्रियान्वयन किया जा रहा है, लेकिन इस विभाग के पास प्रकल्प के संबंध में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।
आरटीआई से खुलासा
आरटीआई में मांगी गई जानकारी में विभाग ने कहा कि डीपी प्लान की जानकारी विभाग से संबंधित नहीं है। अन्य जानकारी महाराष्ट्र शासन की वेबसाइट पर उपलब्ध है। मनपा के नगर रचना और सतरंजीपुरा जोन कार्यालय ने भी डीपी प्लान और अन्य जानकारी देने में असमर्थता जताई। उन्होंने उनके विभागों से संबंध नहीं होने का हवाला देकर दूसरे की तरफ इशारा किया है। ऐसे में लेंडी तालाब के कायापलट का प्रोजेक्ट कौन संचालित कर रहा है और किसके पास इसकी जानकारी है, इसे लेकर सवाल उपस्थित हो रहे हैं। आया ‘पैसा’ कहां गया, इस पर भी प्रश्न चिह्न है।
एक समय 27 एकड़ में फैला लेंडी तालाब, अब सिर्फ 6.5 एकड़ में है। लंबे समय से इसके संरक्षण और पुनर्जीवित करने की मांग चल रही है। गत वर्ष केंद्र सरकार ने अमृत 2.0 अभियान अंतर्गत लेंडी सरोवर पुनरुज्जीवन प्रकल्प का समावेश किया और 14.13 करोड़ रुपए का राशि मंजूर की थी। निधि मंजूरी के बाद केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा प्रकल्प के भूमिपूजन की भी जानकारी है, लेकिन कार्य में गतिशीलता नहीं आई। एनजीओ एक्शन कमेटी के अध्यक्ष सचिन बिसेन ने सूचना अधिकार अंतर्गत आवेदन कर इस संबंध में जानकारी मांगी।
निधि में गड़बड़ी की आशंका
मनपा आयुक्त से सतरंजीपुरा जोन, पर्यावरण विभाग, नगररचना और सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में आवेदन किया, लेकिन किसी भी विभाग ने इस संबंध में जानकारी उपलब्ध नहीं कराई। सभी ने कहा कि उनका इससे कोई संबंध नहीं है। सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने जवाब में कहा कि शासकीय वेबसाइट पर इसकी जानकारी उपलब्ध है। डीपी प्लान की जानकारी विभाग में उपलब्ध नहीं है। ऐसे में अब प्रोजेक्ट को लेकर ही सवाल उठने लगे हैं। निधि में गड़बड़ी की भी आशंका जताई जा रही है।
अतिक्रमण का बोलबाला
लेंडी तालाब दो मौजा में बंटा है। हंसापुरी और नागपुर मौजा। हंसापुरी मौजा में तालाब के बाहर का हिस्सा है। यहां 70 साल पहले ही बस्तियां बस गई हैं, जबकि नागपुर मौजा में तालाब क्षेत्र है। सिटी सर्वे के रिकार्ड में अब तालाब सिर्फ 12 एकड़ क्षेत्र में है। अतिक्रमण और तालाब भरने के कारण मनपा क्षेत्र में सिर्फ 6.50 एकड़ में तालाब दिखाया जा रहा है। विशेष यह कि तालाब के कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण होने से मनपा को इन्हें नोटिस देकर खाली कराना था, लेकिन मनपा कैचमेंट एरिया को छोड़कर यानी हंसापुरी मौजा में 70 साल पहले बसे लोगों को बार-बार नोटिस देकर तालाब का क्षेत्र खाली कराने कह रही है, जबकि यह अतिक्रमण क्षेत्र से बाहर का इलाका है।
Created On :   25 Sept 2023 6:05 PM IST