उठता सवाल: जो अपने घर को जल-जमाव से भी नहीं बचा पाए, शहर की समस्या कैसे हल करेंगे

जो अपने घर को जल-जमाव से भी नहीं बचा पाए, शहर की समस्या कैसे हल करेंगे
  • सवाल जनता के मन में उठा
  • एफडीआर में करेंगे प्रावधान
  • रविभवन में खुल गई पोल

डिजिटल डेस्क, नागपुर. भारी बरसात की परेशानी से जिलाधिकारी डॉ. विपिन ईटनकर, लोकनिर्माण विभाग के मुख्य अभियंता दिनेश नंदनवार, पुलिस उपायुक्त श्वेता खेड़कर, भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग के अधीक्षक राहुल माकनीकर भी नहीं बच पाए। लोकनिर्माण विभाग के हवाले सरकारी बंगलों की देखभाल और दुरूस्ती की जिम्मेदारी होती है, लेकिन लोकनिर्माण विभाग शहर में रास्तों की दुरूस्ती और निर्माणकार्य तक सीमित रह गया है। ऐसे में जिलाधिकारी डॉ. विपिन ईटनकर, लोकनिर्माण विभाग के मुख्य अभियंता दिनेश नंदनवार, पुलिस उपायुक्त श्वेता खेड़कर के बंगले क्रमांक 9/2 सरकारी बंगलों में भी जलजमाव हो गया था, जबकि भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग के अधीक्षक राहुल माकनीकर के बंगला क्रमांक 5/2 में सुरक्षा दीवार गिर गई। इसके साथ ही लोकनिर्माण विभाग के सिविल लाइन स्थित मुख्यालय के सामने 160 गाले और हिंगना में सीआरपीएफ की भी सुरक्षा दीवार खुद को नहीं बचा पाई। पुलिस लाइन टाकली में अस्पताल, नागभवन, धरमपेठ पुलिस क्वार्टर में भी पूरा इलाका जलमग्न रहा।

75 नार्मल स्कूल क्वार्टर भी बेहाल : सबसे बुरे हाल लोकनिर्माण विभाग के धंतोली परिसर के समीप नार्मन स्कूल वसाहत में बने रहे। तहसील कार्यालय, लोकनिर्माण विभाग, वनविभाग के तृतीय श्रेणी के 75 कर्मचारियों के क्वार्टर मौजूद है। पिछले साल भर में लोकनिर्माण विभाग क्रमांक 1 के अधिकारियों ने विशेष ध्यान देकर क्वार्टरों और ड्रेनेज लाइन की दुरूस्ती और जीर्णोद्धार कराया, लेकिन शनिवार को सबसे दावों और कामों की पोल खुल गई। कनिष्ठ अभियंता नंदकिशोर डेंगले को फूड पैकेट लाकर इलाके में बांटने की नौबत आ गई। जिम्मेदार अधिकारियों का दावा है कि नाग नदी की टूटी सुरक्षा दीवार से क्वार्टर्स में जलजमाव हुआ है।

रविभवन में खुल गई पोल

हर साल विधानमंडल अधिवेशन के पहले 15 से 18 करोड़ के भारी भरकम बजट से रविभवन की दुरूस्ती, देखभाल और सुरक्षा दीवार को तैयार कराया जाता है। इतना ही नहीं आपात परिस्थितियों में निगरानी के लिए 3 साल पहले 4 से अधिक वॉच टॉवर भी बनाए गए हैं, लेकिन शनिवार को सारे सुरक्षा और देखभाल के दावों की पोल खुल गई। रविभवन के कॉटेज क्रमांक 2, कॉटेज क्रमांक 7, कॉटेज क्रमांक 8, कॉटेज क्रमांक 11, कॉटेज क्रमांक 14, कॉटेज क्रमांक 15, कॉटेज क्रमांक 21 भी जलमग्न हो गए। इसके अलावा नागभवन भी बरसाती पानी के प्रभाव से नहीं बच पाया। लोकनिर्माण विभाग के अधिकारी इस पूरे ममाले में लीपापोती करने का प्रयास करते नजर आए।

एमएलए होस्टेल में पहुंचे नागरिक, लेकिन नहीं मिला सहारा शनिवार को भारी बरसात में घरों में पानी आने से छावनी और सीताबर्डी के नागरिक बेहाल हो गए। ऐसे में कई नागरिक अस्थायी रूप से सहारे के लिए एमएलए होस्टेल में लोकनिर्माण विभाग से कमरे देने की गुहार लगाते रहे, लेकिन अभियंताओं ने नियमावली का हवाला देते हुए स्थानीय विधायकों और अधिस्वीकृतिधारक पत्रकारों के पत्र को लेकर आने का हवाला देते हुए लौटा दिया। मजबूरी में नागरिक परेशान होकर अस्थायी सहारा खोजते हुए नजर आए।

सरकारी रवैये से जनता बेहाल

शनिवार को भारी बरसात से नुकसान के बाद आला आधिकारी और जनप्रतिनिधि पूरी तरह से हैरान हो गए। पिछले करीब 2 सालों से दुरुस्ती और निर्माणकार्य के नाम पर लोकनिर्माण विभाग और मनपा प्रशासन केवल सड़कों की दुरूस्ती पर ध्यान टिका कर है। बुनियादी सुविधा के रूप में ड्रेनेज लाइन की दुरूस्ती को लेकर कोई भी प्रयास नहीं किया गया। पिछले साल लोकनिर्माण विभाग ने बाढ़ नुकसान दुरुस्ती (फ्लड डैमेज रिपेयर) के लिए 7 करोड़ का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन राज्य सरकार से केवल 5 करोड़ की निधि मिली। इस निधि से भी लोकनिर्माण विभाग ने केवल सिविल लाइन समेत अनेक इलाकों में सड़कों की दुरूस्ती तक खुद को सीमित रखा है। यही वजह है कि एक रात की बरसात ने सरकारी इमारतों के साथ भारी बरसात कर दिया है। अब नए सिरे से दुरुस्ती प्रस्तावों को तैयार करने का दावा लोकनिर्माण विभाग के अधिकारी कर रहे हैं। ॉ

एफडीआर में करेंगे प्रावधान

अभिजीत कुचेवार, कार्यकारी अभियंता, लोकनिर्माण विभाग विभाग क्रमांक 1 के मुताबिक शहर में सरकारी इमारतों के भारी बरसात से नुकसान में महत्वपूर्ण भूमिका ड्रेनेज सिस्टम की अनदेखी रही है। बरसों पुरानी ड्रेनेज लाइन में सफाई और मरम्मत के अभाव से अनेक इमारतों को नुकसान हुआ है। इस नुकसान की दुरूस्ती के लिए करीब 3 करोड़ की निधि का प्रावधान बाढ़ नुकसान दुरूस्ती (फ्लड डैमेज रिपेयर) में किया जाएगा। पिछले साल इस फंड में 7 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन केवल 5 करोड़ रुपए मिलने से काम को पूरा नहीं किया जा सका।


Created On :   25 Sept 2023 6:55 PM IST

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