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शिकारियों के विदर्भ से जुड़े तार, जंगलों में रेड अलर्ट
- पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने जारी की सूचना
- असम में पकड़े गए शिकारियों के जुड़े हैं तार
डिजिटल डेस्क, नागपुर । असम में पकड़े गए 3 शिकारियों का विदर्भ से तार जुड़े होने के संकेत मिलने पर पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने विदर्भ के जंगलों को रेड अलर्ट दिया है। व्याघ्र प्रकल्पों में विदर्भ का ताड़ोबा व्याघ्र प्रकल्प के साथ पेंच व्याघ्र प्रकल्प अलर्ट मोड पर आ गए हैं। इस दौरान रात और दिन में गश्त बढ़ा दी गई है।
ट्रैप लगाकर करते हैं शिकार : विदर्भ में बाघों की संख्या तेजी से बढ़ने के कारण इनके शिकार के मामले भी सामने आ रहे हैं। अंधश्रद्धा के चलते बाघों की खाल, दांत, मूंछ आदि के लिए उनका शिकार किया जाता है। बाघों का शिकार करने वालों में मध्य प्रदेश के कटंगी क्षेत्र की एक गैंग चर्चित है। इस गैंग के कई सदस्य पकड़े गए हैं। इन लोगों पर गत 5 वर्षों में 30 से ज्यादा बाघों के शिकार करने के आरोप हैं। इनका शिकार करने का तरीका अलग होता है। ये इंसानों के मुंह खुलने के बराबर ट्रैप लगाते हैं, जिसमें बाघ फंसकर मर जाते हैं। हाल ही में असम में इसी गैंग के 3 आरोपी पकड़े गए हैं।
मोबाइल में मिली लोकेशन : पूछताछ के दौरान जब इनके मोबाइल चेक किए गए, तो कुछ ही दिनों पहले के इनके मोबाइल में विदर्भ के चंद्रपुर, गड़चिरोली आदि की लोकेशन मिली है। इनके साथ और भी सदस्य हो सकते हैं, जिनके विदर्भ में मौजूद रहने की आशंका है। इसे देखते हुए उपरोक्त मंत्रालय ने विदर्भ व्याघ्र प्रकल्प को रेड अलर्ट जारी किया है। इसमें ताड़ोबा और नागपुर जिले का पेंच भी शामिल है। रेड अलर्ट के बाद अधिकारी सतर्कता बरत रहे हैं। पुलिस के साथ मिलकर दिन-रात गश्त बढ़ा दी गई है। जंगल के आस-पास रहने वाले ग्रामवासियों से तालमेल रखा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार गैंग के सदस्य किसी भी जंगल में शिकार करने से पहले आस-पास के गांवों में रहकर बाघों पर नजर रखते हैं। ये लोग पेड़ों पर अपने शिकार करने की सामग्री छिपा कर रखते हैं।
पूछताछ के लिए स्टाफ गया है : असम में मिले आरोपियों के मोबाइल में विदर्भ की लोकेशन मिली है, जिसके बाद हमारा स्टाफ भी वहां गया है, जो शिकारियों से पूछताछ करेगा। व्यवस्था को अलर्ट पर रखा गया है। - डॉ. जितेन्द्र रामगांवकर, क्षेत्र संचालक, ताड़ोबा व्याघ्र प्रकल्प, चंद्रपुर
गश्त बढ़ा दी है : असम में मिले शिकारियों को लेकर रेड अलर्ट दिया है, जिसके बाद नाइट पेट्रोलिंग के साथ दिन में होने वाली गश्त बढ़ा दी गई है। नाकाबंदी व ग्राम निवासियों से मिलकर विभाग संवेदनशील गतिविधियों पर नजर रखे हुए है। -डॉ. प्रभुनाथ शुक्ला, उप वनसंरक्षक, पेंच व्याघ्र प्रकल्प नागपुर
Created On :   19 July 2023 10:57 AM IST