New Delhi News: जासूसी के आरोप मामले में संचार साथी पर बोले सिंधिया - ऐप स्वैच्छिक, फोन से कर सकते हैं डिलीट

जासूसी के आरोप मामले में संचार साथी पर बोले सिंधिया - ऐप स्वैच्छिक, फोन से कर सकते हैं डिलीट
  • विपक्ष की जासूसी के आरोप पर केन्द्रीय मंत्री ने दी सफाई
  • हंगामे और विवाद के बीच केन्द्र सरकार ने इस पर स्थिति स्पष्ट की

New Delhi News. ‘संचार साथी’ ऐप पर मचे हंगामे और विवाद के बीच केन्द्र सरकार ने इस पर स्थिति स्पष्ट की है। केन्द्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि संचार साथी को फोन में रखना जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता इस ऐप को डिलीट कर सकते हैं, यह स्वैच्छिक है। केन्द्र सरकार ने 28 नवंबर को सभी मोबाइल कंपनियों को ये निर्देश दिया है कि वो भारत सरकार की साइबर सुरक्षा से जुड़ी ऐप संचार साथी को 90 दिनों के अंदर सभी फोन में इंस्टॉलकरें। विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाते हुए कहा है कि इस ऐप के जरिए जासूसी हो सकती है। विपक्ष के इस आरोप पर सिंधिया ने कहा कि इसके आधार पर न कोई जासूसी है, न कोई कॉल मॉनिटरिंग है। उन्होंने कहा कि अगर आप चाहते हैं, तो इसे एक्टिवेट करें। अगर आप नहीं चाहते, तो इसे एक्टिवेट मत करो। अगर आप इसे अपने फोन में रखना चाहते हैं, तो रखो। अगर आपको संचार साथीा इस्तेमाल नहीं करना है तो डिलीट कर दो। इसे डिलीट कर सकते हैं, कोई परेशानी नहीं है।

‘नागरिकों की डिजिटल सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता’

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश के हर नागरिक की डिजिटल सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। संचार साथी ऐप का उद्देश्य है कि प्रत्येक व्यक्ति अपनी निजता की रक्षा कर सके और ऑनलाइन ठगी से सुरक्षित रह सके। अगर आप इस ऐप का उपयोग नहीं करना चाहते तो इस पर रजिस्टर मत करो। लेकिन हर व्यक्ति को देश में नहीं मालूम कि चोरी से बचाने, फ्रॉड से बचाने के लिए यह ऐप है। हर व्यक्ति तक यह ऐप पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि आप संचार साथी से यह पता लगा सकते हैं कि खरीदा गया मोबाइल फोन का आईएमईआई नंबर फर्जी है या असली।

Created On :   2 Dec 2025 7:57 PM IST

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