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भारी वाहनों से 10 प्रतिशत अधिक टोल टैक्स की वसूली, कृषि पपों को कनेक्शन के लिए भी नई नीति मंजूर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार के सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग (पीडब्लूडी) की निजीकरण परियोजनाओं के महामार्गों पर भारी वाहनों को अब 10 प्रतिशत ज्यादा टोल टैक्स देना पड़ेगा। जबकि कार, जीप, एसटी बस, स्कूल बस और हल्के वाहनों को टोल टैक्स में छूट पहले की तरह मिलती रहेगी। गुरुवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में भारी वाहनों पर टोल टैक्स बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके अनुसार पीडब्लूडी के महामार्गों पर भारी वाहनों के लिए टोल टैक्स में 10 प्रतिशत वृद्धि प्रस्तावित है। यह टोल टैक्स राष्ट्रीय महामार्गों की तुलना में कम ही होंगे। राज्य में पीडब्लूडी की 15 परियोजनाओं के तहत वाहनों को टोल टैक्स में छूट दी जाती है। लेकिन यह छूट देने के बदले सरकार को महामार्ग बनाने वाले ठेकेदारों को हर साल 350 से 400 करोड़ रुपए की नुकसान भरपाई देनी पड़ती है। यह नुकसान भरपाई सरकार अब अपनी तिजोरी से न देते हुए भारी वाहनों के टोल टैक्स वृद्धि से मिलने वाली राशि से वहन करेगी। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में टोल वसूली के लिए वाहनों के चार प्रकार से बढ़ाकर पांच प्रकार किए गए हैं। इसमें ट्रक-ट्रेलर, तीन से अधिक एक्सिस वाले वाहनों को शामिल किया गया है।
एक लाख कृषि पपों को कनेक्शन के लिए नई नीति को मिली मंजूरी
प्रदेश में किसानों को एक लाख कृषि पंपों को बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने की नई नीति को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इसमें लघुदाब, उच्चदाब लाइन, सर्विस कनेक्शन व सौर कृषिपंप द्वारा बिजली कनेक्शन का विकल्प उपलब्ध कराया गया है। इस योजना के तहत सभी कृषि उपभोक्ताओं को तीन साल में चरण बद्ध तरीके से स्थायी रूप से दिन में आठ घंटे बिजली आपूर्ति करने का लक्ष्य है। इसके लिए सरकार की ओर से महावितरण कंपनी को हर साल 1500 करोड़ रुपए 2024 तक शेयर पूंजी के रूप में दिए जाएंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री सौर कृषिपंप योजना के तहत हर साल एक लाख सौर कृषि पंप उपलब्ध कराए जाएंगे। कृषि ग्राहकों के बकाया बिजली बिलों को वसूली के लिए ग्रामविद्युत प्रबंधक, ग्रामपंचायत, किसान सहकारी संस्था, महिला बचत समूह को प्रोत्साहन दिया जाएगा। कृषि पंपों की पांच साल पुराने और पांच साल तक के बकाया बिलों की राशि तीन साल में भरने की सुविधा दी जाएगी। बकाया बिल पहले साल भरने पर ब्याज और विलंब शुल्क में 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। दूसरे साल भरने पर 30 प्रतिशत और तीसरे साल भरने पर 20 प्रतिशत की रियायत दी जाएगी। वसूल की गई राशि में से 33 प्रतिशत राशि संबंधित ग्राम पंचायत क्षेत्र और 33 प्रतिशत राशि संबंधित जिले और 33 प्रतिशत राशि राज्य के कृषि पंपों को बिजली कनेक्शन के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने पर खर्च किए जाएंगे।
Created On :   19 Nov 2020 9:49 PM IST