४ साल से टेंडर के इंतजार में १० छोटी सिंचाई योजनाएं

10 small irrigation schemes waiting for tender for 4 years
४ साल से टेंडर के इंतजार में १० छोटी सिंचाई योजनाएं
छिंदवाड़ा ४ साल से टेंडर के इंतजार में १० छोटी सिंचाई योजनाएं

डिजिटल डेस्क,छिंदवाड़ा।जिले में बड़े प्रोजेक्ट के भार में छोटी सिंचाई योजनाओं की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बड़े के फेर में छोटी योजनाएं पिछले ४ साल से शासन का मुंह ताक रही हैं। वर्ष २०१८ में शासन ने १७ सिंचाई योजनाओं को प्रशासकीय स्वीकृति दी थी। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया होनी थी,जल संसाधन विभाग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक छोटी योजनाओं के लिए एस्टीमेट व टेंडर डाक्यूमेंट तैयार कर वरिष्ठ कार्यालयों को भेजे गए, लेकिन प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई है। १७ में से बमुश्किल ७ परियोजनाओं के टेंडर लग पाए हैं। वह भी अभी प्रक्रिया में हैं। शेष १० के टेंडर कब तक लग पाएंगे इसका फिलहाल कोई ठिकाना नहीं है।
सीएसआर बदलने से भी हुई देरी
बताया जा रहा है कि वर्ष २०१८ में प्रशासकीय मंजूरी के बाद यहां से टेंडर प्रक्रिया के लिए प्रपोजल वरिष्ठ कार्यालय को भेज दिया गया था। बाद में सीएसआर बदल गया। जिससे नए सीएसआर के अनुसार एस्टीमेट तैयार करना पड़ गया। नए सीएसआर के अनुसार फिर प्रपोजल वरिष्ठ कार्यालयों को भेजा गया। बावजूद इसके स्वीकृत सभी योजनाओं के टेंडर नहीं लग सके हैं।
२५ करोड़ की हैं छोटी सिंचाई योजनाएं
जिन सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं के टेंडर नहीं लग पा रहे हैं, उनमें ३ नहर रहित जलाशय व बैराज और ७ स्टापडेम शामिल हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या परासिया विकासखंड की है। इसके अलावा चौरई, अमरवाड़ा, सौंसर और पांढुर्ना की स्कीम भी शामिल हैं।  इन सभी कार्यों की लागत करीब २५ करोड़ से ज्यादा की गई है।
इनका कहना है...
॥पूर्व में सूचकांक को लेकर अड़चनें थीं, जो दूर हो गई हैं। टेंडर लगने शुरू हो गए हैं। वर्तमान में विधानसभा सत्र को लेकर व्यस्तताएं हैं। स्वीकृत सभी परियोजनाओं के टेंडर लगाए जाएंगे।
 

Created On :   10 March 2022 11:16 AM

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story