10 हजार का किसान पैकेज, विदर्भ को मिले सिर्फ 7 करोड़ 22 लाख

10 thousand of farmer package, Vidarbha gets only 7 crore 22 lakh
10 हजार का किसान पैकेज, विदर्भ को मिले सिर्फ 7 करोड़ 22 लाख
10 हजार का किसान पैकेज, विदर्भ को मिले सिर्फ 7 करोड़ 22 लाख

डिजिटल डेस्क, मुंबई। वसंतराव नाईक शेती स्वावलंबन मिशन के अध्यक्ष (दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री) किशोर तिवारी ने कहा है कि राज्य की महा आघाडी सरकार द्वारा किसानों के लिए घोषित 10 हजार करोड़ के पैकेज में विदर्भ के किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सोमवार को श्री तिवारी ने मंत्रालय स्थित पत्रकार कक्ष में पत्रकारों को बताया कि वे अपनी शिकायत लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने मुंबई आए हैं। मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा है। उन्होंने कहा कि जल्द स्पष्ट हो जाएगा कि मुख्यमंत्री मिलने का समय देते हैं अथवा नहीं। 

शिवसेना नेता तिवारी ने कहा कि विदर्भ के किसान शेतकरी मिशन से शिकायतें कर रहे हैं कि राहत पैकेज में उनके साथ अन्य़ाय हुआ है। मानसून के अंत में हुई भारी बारिश से किसानों को हुए नुकसान के लिए राज्य सरकार ने विदर्भ के 11 जिलों मे से केवल एक जिले में हुए नुकसान के आधार पर निष्कर्ष निकाल कर बाकी जिले के किसानों को अपने हाल पर छोड़ दिया। इससे परेशान किसान आत्महत्या कर रहे हैं। सरकार के 16 अक्टूबर 2020 के शासनादेश के मुताबिक इस अतिवृष्टि में खेती के अलावा कपड़े व बर्तन आदि को हुए नुकसान के लिए मदद का प्रावधान किया गया है। इस शासनादेश के मुताबिक विदर्भ के अमरावती विभाग के अमरावती, अकोला, यवतमाल, बुलढाणा व वाशीम और नागपुर विभाग के नागपुर, गोंदिया, चंद्रपूर, गडचिरोली व वर्धा में कोई नुकसान नहीं हुआ है। 

तिवारी ने कहा कि इस शासनादेश के अनुसार विदर्भ के केवल एक जिले भंडारा में अतिवृष्टि से खेती तो नुकसान हुआ है। इसमें भी भंडारा जिले में खेती को केवल 2 करोड़ 11 लाख 43 हजार रुपए का नुकसान बताया गया है। इस जिले में घर, कपड़े, बर्तन के नुकसान के तौर पर 19 लाख 85 हजार, मृत जानवरों के लिए 5 लाख 82 हजार और गिरने से हुए नुकसान की एवज में 2 करोड़ 86 लाख 56 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है। इस शासनादेश में पूरे नागपुर विभाग में केवल भंडारा जिले में नुकसान बताया गया है। जबकि अमरावती विभाग में घर, कपड़े, बर्तन का नुकसान सभी जिलों में बताया गया है। इन पांच जिलों में कुल 1 करोड़ 94 लाख 52 हजार रुपए का नुकसान शामिल है। इनमें से अमरावती व अकोला में 4 लाख 82 हजार रुपए का नुकसान बताया है। नागपुर विभाग के पांच और अमरावती विभाग के तीन यानि कुल 8 जिलों में पशुधन को कोई नुकसान सरकारी सर्वे में नहीं बताया गया।

विदर्भ में केवल 7 करोड़ 22 लाख का नुकसान

तिवारी कहते हैं कि सरकारी आकड़ों के मुताबिक विदर्भ में केवल 7 करोड़ 22 लाख 90 हजार का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि इसस उद्धव सरकार द्वारा घोषित 10 हजार करोड़ के आर्थिक पैकेज में विदर्भ की हिस्सेदारी केवल 7.22 करोड़ की होगी। यानि 10 हजार करोड़ में से 9 हजार 998 करोड़ रुपए विदर्भ को छोड़ कर शेष महाराष्ट्र के हिस्से आएगा। तिवारी ने कहा कि किसान नेताओं और विदर्भ के नेताओं को यह गणित समझने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अपने शासनादेश में संशोधन के बाद भी विदर्भ को कुछ लाभ नहीं हुआ। इस शुद्धिपत्रक से 10 हजार करोड़ के पैकेज में विदर्भ को मिलने वाली 7 करोड़ 22 लाख 90 हजार की राशि थोड़ी सी बढ़ कर 7 करोड़ 32 लाख 90 हजार हो गई है। 

तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकरे की घोषणा के अनुसार शेष महाराष्ट्र को सूखी खेती (जिरायती) के लिए प्रति हेक्टेयर 10 हजार व फल बाग के लिए प्रति हेक्टेयर 25 हजार रुपए मिलने वाले हैं जबकि शासनादेश के अनुसार विदर्भ को सूखी खेती के लिए केवल 6800 रुपए और फलबाग के लिए 18 हजार रुपए ही मिलेंगे। उन्होंने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि जिस अमरावती व बुलढाणा जिले में घरों आदि के गिरने के लिए नुकसान भरपाई दी जा रही है, उस जिले में सरकार की नजर में खेती को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। तिवारी ने कहा कि अधिकारियों ने सरकार को गलत जानकारी दी है।        

Created On :   2 Nov 2020 7:20 PM IST

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