LBT: व्यापारियों पर 102 करोड़ बकाया, मनपा ने 836 के खाते किए सीज

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LBT: व्यापारियों पर 102 करोड़ बकाया, मनपा ने 836 के खाते किए सीज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एलबीटी बकाया भुगतान नहीं करने वालों पर इसका संकट फिर मंडराने लगा है। बकायादारों के खिलाफ मनपा ने वसूली मुहिम तेज कर दी है। एलबीटी का बकाया कर भुगतान नहीं करने पर महानगर पालिका ने शहर के 836 व्यापारियों के बैंक खाते सीज कर दिए हैं। इन व्यापारियों पर 102 करोड़ रुपए का बकाया है।

कार्रवाई से पहले व्यापारियों को अनेक बार नोटिस जारी किए गए, लेकिन संबंधितों ने नोटिस का संज्ञान भी नहीं लिया और न एलबीटी बकाया का भुगतान किया, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है। आयुक्त के निर्देश पर सभी व्यापारियों के बैंक अकाउंट सीज करने के आदेश जारी किए गए हैं। बैंक खाते सीज होने से व्यापारी अपना कोई भी व्यवहार नहीं कर सकेंगे। इस कार्रवाई से व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है। गौरतलब है क इसे वर्ष 2015 में राज्य सरकार ने रद्द कर दिया था।

किसी ने नहीं दिया ध्यान
शहर में एलबीटी को भाजपा और व्यापारी वर्ग का भारी विरोध देखते हुए राज्य सरकार ने वर्ष 2015 में एलबीटी रद्द करने का निर्णय लिया था। सालाना 50 करोड़ रुपए से अधिक टर्न ओवर रखने वाले व्यापारियों पर ही एलबीटी लागू करने के निर्देश दिए गए थे। इससे पहले मनपा के एलबीटी विभाग ने आर्थिक वर्ष 2013-14 के लिए व्यापारियों द्वारा पेश किए विवरण पत्र अनुसार 638 प्रकरण में 81 करोड़ 66 लाख 84 हजार 355 रुपए का एलबीटी निकला था।

आर्थिक वर्ष 2014-15 के लिए पेश किए विवरण पत्र के आधार पर 198 प्रकरण में 20 करोड़ 26 लाख 58 हजार 304 रुपए एलबीटी तय की थी। कुल 836 प्रकरणों में 101.93 करोड़ रुपए की एलबीटी बकाया था। इस संबंध में व्यापारियों को समय-समय पर नोटिस जारी किए गए थे। एलबीटी रद्द होने से किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। अंतत: एलबीटी विभाग ने संबंधित व्यापारियों के बैंक खाते सीज कर वसूली की कार्रवाई शुरू कर दी है। एलबीटी के सहायक आयुक्त मिलिंद मेश्राम ने इसकी पुष्टि करते हुए 836 प्रकरणों में बैंक खाते सील करने की जानकारी दी है। इन पर 102 करोड़ रुपए का बकाया था। 

बदल गए हालात
कार्रवाई को लेकर अनेक चर्चाएं हैं। बताया गया कि 2014 से 2019 तक राज्य में भाजपा की सरकार थी। ऐसे में जीएसटी सहित अन्य अनुदान मनपा को बढ़कर मिले। सरकार ने पिछले अनेक वर्ष से रुकी हुई विशेष निधि भी मनपा को एक साथ दी। यह निधि करीब 150 करोड़ रुपए थी। इससे मनपा को सरकार के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ी। आर्थिक स्थिति भी पटरी पर ठीक-ठाक बनी रही, लेकिन अब स्थितियां बदल गई हैं।

प्रदेश में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की महाविकास आघाड़ी की सरकार बनी है। ऐसे में मनपा के सामने पर्याय सीमित हो गए हैं। संपत्ति, पानी और अन्य मदों में अपेक्षित आय नहीं हो पाई है। ऐसे में मनपा ने अपने बकायादारों की सूची बाहर निकाल ली है, जिसमें एलबीटी में सबसे ज्यादा बकाएदार होने की जानकारी बाहर आई है। नोटिस की कार्रवाई के बावजूद इन व्यापारियों ने कोई संज्ञान नहीं लिया। अंतत: सभी 836 व्यापारियों के बैंक अकाउंट सीज करने के आदेश दिए गए हैं।

Created On :   27 Dec 2019 11:08 AM IST

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