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मुंबई में ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध न होने से 11 संक्रमितों की मौत, नागपुर जिले में 4 ने तोड़ा दम- अस्पताल में हुई तोड़फोड़
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर से सटे नालासोपारा इलाके में आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध न होने के चलते दो निजी अस्पतालों में भर्ती 11 मरीजों की जान चली गई। मरीजों के रिश्तेदारों ने यह दावा करते हुए अस्पतालों में हंगामा किया। हालांकि वसई विरार महानगर पालिका के अधिकारी दावे को गलत बता रहे हैं। उनका कहना है कि मरीजों की हालत पहले से नाजुक थी और उनकी मौत आक्सीजन की कमी के चलते नहीं हुई है। जिन मरीजों ने दम तोड़ा है उनमें से सात विनायक अस्पताल में भर्ती थे जबकि चार रिद्धि विनायक अस्पताल में दाखिल कराए गए थे।
दोनों अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है। मनपा अधिकारी भले ही आक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता का दावा कर रहे हैं लेकिन स्थानीय बहुजन विकास आघाडी के विधायक हितेंद्र ठाकुर और क्षितिज ठाकुर ने सोमवार को ही ट्वीट कर जानकारी दी थी कि वसई विरार में केवल तीन घंटे सप्लाई के लिए ऑक्सीन आक्सीजन उपलब्ध है। ठाकुर ने लिखा कि दुर्भाग्य से तीन जिंदगियां आक्सीजन की सप्लाई न होने के चलते जा चुकी हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय से मामले की गंभीरता को समझते हुए आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने की मांग की थी।
वसई विरार महानगर पालिका के महापौर राजीव पाटील का एक ऑडियो संदेश भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसमें उन्होंने सिर्फ तीन घंटे सप्लाई के लिए ऑक्सीजन बची होने की बात कही थी। ऑक्सीजन की कमी शुक्रवार से ही महसूस की जा रही थी लेकिन सोमवार तक स्थिति इतनी खराब हुई कि मरीजों के परिजनों को ऑक्सीजन सिलेंडर हासिल करने के लिए इधर उधर भागते देखा गया। सोमवार को रायगढ़ जिले से यहां 10 टन ऑक्सीजन सिलेंडर भेजा गया।
पिछले 24 घंटे में 65 मौतें
नागपुर जिले में संक्रमितों का आंकड़ा 6500 पार हो गया है। मंगलवार को जिले में 6826 नए मरीज पॉजिटिव मिले। इससे कुल संक्रमितों की संख्या 291043 हो चुकी है। अब एक दो दिन में ही कुल संक्रमितों की संख्या 3 लाख पार पहुंचने वाली है। पिछले 24 घंटे में 65 मौतें हुई हैं। जिससे कुल मृतक 5903 हो चुके हैं।
यवतमाल में टूटा रिकार्ड, 23 मृत
मंगलवार को यवतमाल जिले में एक बार फिर मरीजों और मृतकों की संख्या ने दहशत पैदा कर दी है। एक ही दिन में जिले में 23 लोगों की मौत के साथ 953 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। पहली बार जिले में मृतकों और मरीजों की संख्या इतनी अधिक है। चंद्रपुर जिले में भी मरीजों का आंकड़ा हजार पार कर गया है, जबकि गड़चिरोली जैसे छोटे से जिले में 20 लोगों की मृत्यु के साथ 370 नए मरीज पाए गए हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव, बेड और दवाओं की कमी के साथ-साथ अब श्मशान घाट पर भी कतारें लगती दिखाई दे रही हैं। यवतमाल जिले में मंगलवार को 23 मरीजों ने कोरोना से जूझते हुए जान गंवा दी। पहली बार एक ही दिन में 953 मरीज भी पाए गए। चंद्रपुर जिले में भी 14 लोगों ने कोरोना से जूझते हुए दम तोड़ दिया तथा 1010 नए मरीज पाए गए। गड़चिरोली जिले में 20 लोगों की कोरोना के चलते मृत्यु हो गई। साथ ही 370 नए मरीज भी पाए गए। गोंदिया में 12 मरीजों की मृत्यु के साथ 742 नए मरीज मिले हैं। भंडारा जिले में 1135 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि 12 लोगों की कोरोना से मौत हो गई है। इसी प्रकार अमरावती जिले में भी 8 लोगों की कोरोना संक्रमण के कारण मृत्यु हो गई तथा 522 नए मरीज पाए गए। वर्धा जिले में मंगलवार को किसी भी मरीज की मृत्यु दर्ज नहीं हुई तथा 481 नए मरीज भी पाए गए।
अकोला, बुलढाणा, वाशिम में 16 मृत, 1580 नए पॉजिटिव
अकोला जिले में 12 कोरोना संक्रमितों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 528 हो गई है। 368 नए पॉजिटिव मिलने से कुल संक्रमितों की संख्या 31,394 हो गई है। 330 लोग डिस्चार्ज किए जाने से स्वस्थ हो चुके लोगों की संख्या 27,093 हो गई है। 3,773 एक्टिव मरीजों का इलाज जारी हैं।
बुलढाणा जिले में मंगलवार को 4 मरीजों की मौत हुई, 916 नए संक्रमित मरीज बढ़ने से कुल संक्रमितों की संख्या 47,446 हो गई है। 981 लोगों के स्वस्थ होने से अब ठीक हो चुके लोगों की तादाद 43,680 हो गई है। 5,357 सक्रिय मरीजों का उपचार जारी है।
वाशिम जिले में मंगलवार को 296 नए मरीज मिलने से कुल संक्रमित 19,415 हो गए हैं। मृतकों की संख्या 211 पर स्थिर रही। 234 मरीजों के स्वस्थ हो जाने से अब ठीक हो चुके लोगों की संख्या 16,562 हो गई है। 2,484 सक्रिय मरीजों पर उपचार जारी है।
कन्हान के जेएन अस्पताल में एक साथ चार संक्रमितों की मौत से हंगामा
उधर नागपुर के कन्हान अंतर्गत कांद्री स्थित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय में मंगलवार सुबह चार मरीजों की मौत हो गई। जाने से क्षेत्र में खलबली मच गई। मृतकों के रिश्तेदारों का आरोप है कि अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी की वजह से मरीजों की मौत हुई है। जबकि डॉक्टर ने बताया कि सभी मरीज अन्य अस्पतालों में जगह न मिलने की वजह से गंभीर हालत में लाए गए थे, पहले से ही उनके शरीर में ऑक्सीजन की कमी थी। फिलहाल कोविड सेंटर में ऑक्सीजन की व्यवस्था तो है, लेकिन वैंटीलेटर सहित अन्य कई अत्यावश्यक सुविधाओं का अभाव है। जेएन अस्पताल में की गई तोड़फोड़ के खिलाफ अस्पताल के सुरक्षा कर्मी द्वारा कन्हान पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई है।
जानकारी के अनुसार सुबह 9 से 10.30 बजे के बीच थोड़ी-थोड़ी देर के अंतराल में चार संक्रमितों की मौत हो गई। जिनमें कन्हान के पटेल नगर के अमित भारद्वाज (30), राय नगर के हुकुमचंद येरपुड़े (57), टेकाड़ी की कल्पना कड़ू (38) तथा टेकाडी की किरण बोराडे (47) शामिल हैं। इनमें एक महिला के रिश्तेदार जब अस्पताल में मिलने पहुंचे, तो उन्हें महिला की मौत की खबर सुना दी। जिस पर महिला के रिश्तेदारों ने जमकर हंगामा मचाया तथा अस्पताल के काउंटर के कांच, मुख्य दरवाजे के कांच की तोड़फोड़ की। खबर मिलते ही क्षेत्र के उपविभागीय पुलिस अधिकारी बागवान तथा कन्हान के प्रशिक्षु पुलिस उपअधीक्षक और थानेदार सुजीतकुमार क्षीरसागर कर्मचारियों के साथ अस्पताल पहुंचे। समझाबुझाकर मामला शांत किया गया।
Created On :   13 April 2021 9:40 PM IST