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रिहायशी इलाकों के आस-पास मौजूद है 11 बाघ, वन विभाग रख रहा नजर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले के रिहायशी इलाकों के आस-पास कुल 11 बाघ मौजूद हैं। यहां बाघ पहुंचने से वन विभाग भी सतर्क हो गया है। जिसके लिए प्रोटेक्शन टीम भी बनाई जा रही है। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में बाघों की आशंका बनी है। ऐसी जगहों को बेरीकेट्स आदि से कवर किया जा रहा है। ताकि यहां कोई भी सामान्य व्यक्ती न जा सके। हिंगणा, काटोल, सावनेर, कलमेश्वर आदि इलाकों के प्रादेशिक वन विभाग में बाघों की मौजूदगी है। 17 नवंबर 2019 को मिहान क्षेत्र में भी बाघ व अंबाझरी क्षेत्र में तेंदुआ पाया गया था।
मीलों सफर करते हैं बाघ
मीलों सफर तय करना बाघो का पहले से स्वभाव रहा है। हालांकि पहले कैमरें नहीं होने से इनकी गतिविधियों को पकड़ा नहीं जा सकता था, लेकिन अब हर वन क्षेत्र में कैमरे लगे रहने से सफर के दौरान बाघों को ट्रैप कर लेते हैं।
सतर्कता नहीं बरतने से करना पड़ा बाघों का सामना
सतर्कता नहीं बरतने के कारण प्रादेशिक इलाकों में कई लोगों को बाघ का आमना-सामना करना पड़ा है। जिसमें वर्ष 2019 की बात करें तो कुल 44 लोग शामिल हैं। इसमें दक्षिण उमरेड में 7, उत्तर उमरेड में 7, देवलापार, पारशिवनी में सबसे ज्यादा रामटेक में 20 वहीं खापा में 6 हमले हुए हैं। इससे पहले के आंकड़े देखने पर बाघ के हमले में मौत के मामले भी सामने आए हैं।
वन विभाग प्रादेशिक के डीएफओ डॉ. प्रभुनाथ शुक्ला के मुताबिक वर्तमान स्थिति में काटोल, कलमेश्वर, हिंगणा, कोंढाली से लेकर अन्य प्रादेशिक क्षेत्र में 10 से 12 बाघों की मौजूदगी है। ऐसे इनकी गतिविधियों को जानने के लिए विभिन्न तरीके अपनाये जा रहे हैं। वही ग्राम निवासियों को भी इनसे दुर रखने का वन विभाग प्रयास कर रहा है।
वन विभाग के अंतर्गत तीन तरह का क्षेत्र आता है। जिसमें कोर इलाका, वाइल्ड लाइफ व प्रादेशिक क्षेत्र होता है। कोर व वाइल्ड लाइफ में वन्यजीवों की मौजूदगी रहती है। जिसमें तेंदुएं से लेकर एक से ज्यादा संख्या में बाघों की मौजूदगी रहती है। हालांकि प्रादेशिक क्षेत्र में न के बराबर वन्यजीव रहते हैं। शाकाहारी वन्यजीवों में जंगली खरगोश, हिरण व नीलगाय यहां पाए जा सकते हैं, लेकिन तेंदुआ व बाघ न के बराबर ही रहते हैं। ऐसे में यह इलाका गांव, सड़क आदि के पास ही रहता है। सामान्य लोगों का इस क्षेत्र की ओर आना-जाना लगा रहता है। इन दिनों क्रांक्रीट का जंगल बढ़ना व वन्यजीवों का जंगल से बाहर निकला प्रादेशिक इलाकों में बाघों के आने का कारण नजर आ रहा है। वन विभाग के अनुसार वर्तमान स्थिति में जिले में 11 बाघ मौजूद हैं। जिनकी दहशत ग्राम निवासियों में है। इसके लिए अब वन विभाग ने प्रादेशिक क्षेत्र में भी नजर रखना शुरू कर दिया है। कैमरा, प्रोटेक्शन टीम आदि उपाययोजना के सहारे अन्य वन्यजीवों के साथ बाघों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही हैं। इसके अलावा जिन इलाकों में बाघों की मौजूदगी है। उन इलाकों में सावधानी दर्शाने वाले सूचना फलक और बेरीकेट्स तक लगाए जा रहे हैं।
Created On :   21 Feb 2020 3:19 PM IST