कब तक प्यासे रहेंगे खेत, 5 साल में मात्र ढाई किलोमीटर ही बन पाई नहर

12 km long canal no built even in 5 years, farmer are troubled
कब तक प्यासे रहेंगे खेत, 5 साल में मात्र ढाई किलोमीटर ही बन पाई नहर
कब तक प्यासे रहेंगे खेत, 5 साल में मात्र ढाई किलोमीटर ही बन पाई नहर

डिजिटल डेस्क कटनी। वर्षों बाद भी बरगी जलाशय का पानी खेतों तक नहीं पहुंच पाया है। जैसे-तैसे नहरों के निर्माण का कार्य हुआ तो टनल ने पानी का रास्ता रोक दिया। जब तक टनल का कार्य पूर्ण नहीं होगा तक तक नहर में पानी आगे नहीं बढ़ेगा। पांच साल में मात्र ढाई किलोमीटर ही टनल बनी है जबकि 12 किलोमीटर निर्माण होना है। यदि इसी गति से काम हुआ तो किसानों को एक दशक तक नहर का पानी नहीं मिल पाएगा। टनल निर्माण में सबसे बड़ा रोड़ा रेलवे लाइन है। किसी तरह रेलवे क्षेत्र के बाहर कार्य पूरा हो भी जाता है तो रेलवे क्षेत्र में अटक जाएगा 5 साल में मात्र ढाई किलोमीटर ही बन पाई नहर।
एनओसी का इंतजार
जानकारी के अनुसार 12 किलोमीटर टनल का निर्माण होना है। इसमें से अभी तक 2.67 किलोमीटर का निर्माण हो पाया है। टनल निर्माण का कार्य 2012 से किया जा रहा है।असली पेंच रेलवे में फंसा है।  हालांकि विभाग ने कागजी कार्यवाही पूरी कर रेलवे से एनओसी की प्रक्रिया पूरी कर दी है। रेलवे के अधिकारियों द्वारा भी निरीक्षण किया जा चुका है। बताया गया है कि एनओसी के लिए 2009 से प्रयास किए जा रहे हैं पर सफलता अब तक नहीं मिल पाई है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में दोनों ओर से कार्य कराया जा रहा है। विभाग ने दावा किया है कि 197 किलोमीटर नहर का निर्माण पूरा हो चुका है। कटिंग कव्हर का कार्य कुछ हिस्से में शेष है। टनल निर्माण में दो साल का समय लगने की संभावना अधिकारियों ने जताई है।
 कुछ अवरोधों के कारण टनल निर्माण का कार्य प्रभावित हुआ है। अब दोनों ओर से काम चल रहा है और उम्मीद है कि दो साल में यह कार्य पूर्ण हो जाएगा। रेलवे से एनओसी के लिए सभी प्रक्रियाएं पूरी की जा चुकी हैं।
- कैलाश चौबे, प्रभारी मुख्य अभियंता नर्मदा घाटी विप्रा

 

Created On :   19 Dec 2017 12:52 PM IST

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