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पेपर बिगड़ने पर छात्र ने बाउड़ी में कूदकर की आत्महत्या
डिजिटल डेस्क बालाघाट। हट्टा में 15 मार्च की सुबह 11 से 12 बजे के बीच एक 12 वीं के छात्र द्वारा हट्टा बाउड़ी में कूदकर आत्महत्या किये जाने के मामले ने सनसनी मचा दी। बोर्ड परीक्षाओं के दौरान परीक्षा से घबराकर किसी छात्र द्वारा उठाया जाने वाला यह पहला मामला है। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद ही शिक्षा विभाग ने बोर्ड परीक्षा में बैठ रहे विद्यार्थियों से धैर्य नहीं खोने की बात कही है।
फिजिक्स का पेपर बिगड़ा था
हट्टा निवासी राजकुमार बावनकर के दो संतानों में एक पुत्र सजल और बेटी है। सजल, शासकीय हायर सेकेंडरी स्कुल हट्टा का छात्र है जो इस वर्ष बोर्ड की परीक्षा दे रहा था। पिता राजकुमार बावनकर की मानें तो बेटे का बीते 14 मार्च को फिजिक्स का पेपर था, जिसे देकर आने के बाद से बेटा सजल गुमसुम हो गया था, जिसका कारण पूछने पर उसने बताया था कि उसका पेपर बिगड़ गया है, जिसके बाद मैंने उसे समझाया था कि कोई बात नहीं, आगामी परीक्षा में इसकी तैयारी कर लेना है, जिसके बाद भी वह वैसा ही था, आज सुबह साथ बैठकर खाने खाये, मेरे सामने पढ़ रहा था, इस दौरान वह भी सो गया और मैं भी, तब मेरी नींद उड़ी, जब श्रीराम ने बेटे सजल के बारे में पूछा, तब तक लोग बावड़ी के पास जमा हो चुके थे, जब जाकर देखे तो बेटा सजल पानी में था, जिसे निकाला गया और उसे जिला चिकित्सालय लाया गया। जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया।
काउंसलिंग का नहीं हुआ असर
संभावना जताई जा रही है कि छात्र सजल ने पेपर बिगडऩे से यह आत्मघाती कदम उठाया है, हालांकि प्रतिवर्ष इस तरह के मामले परीक्षाओं के दौरान सामने आते है। जिसके लिए बकायदा स्कुल शिक्षा विभाग द्वारा काउंसलिंग सेंटर प्रारंभ किया गया है और तो और जिला शिक्षा अधिकारी ने भी परीक्षा से पूर्व सभी विद्यार्थियों को परीक्षा को धैर्यता से लेकर देने के लिए निर्देश दिये है, बावजूद इसके परीक्षा में महज एक पेपर बिगड़ जाने के बाद ऐसे आत्मघाती कदम ने काउंसलिंग व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिये है। हालांकि इस घटना की जानकारी के बाद जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती निर्मला पटले ने दु:ख जाहिर करते हुए बच्चों से परीक्षा के दौरान धैर्यता रखते हुए विचलित नहीं होने की बात कही है उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के पास भविष्य में परीक्षाओं के और भी कई पड़ाव है, जिसमें परीक्षार्थी तैयारी कर जीवन में आगे बढ़ सकता है वे कोई भी ऐसा कदम न उठाये, जिससे परिवार व्याकुल हो। उन्होंने कहा कि वे इस मामले की जानकारी लेंगी कि बच्चे ने ऐसा कदम क्यों उठाया। उसकी वास्तविक वजह क्या थी? इसकी जानकारी लेगी। इसके साथ ही एक बार जिला शिक्षा अधिकारी ने इस मामले को देखकर निर्देश प्राचार्यो को जारी किये है।
Created On :   15 March 2018 7:57 PM IST