मोबाइल पर बार-बार ‘दृश्यम’ देख 13 साल के बच्चे ने किया मर्डर

13-year-old child murdered by watching visible on mobile repeatedly
मोबाइल पर बार-बार ‘दृश्यम’ देख 13 साल के बच्चे ने किया मर्डर
मोबाइल पर बार-बार ‘दृश्यम’ देख 13 साल के बच्चे ने किया मर्डर

डिजिटल डेस्क, पुणे । पढ़ाई का नुकसान न हो इसलिए पैरेंट्स ने बच्चों को मोबाइल फोन दिए थे। लेकिन, सही तरह से निगरानी न होने के दुष्परिणाम भी अब दिखने लगे हैं। हाल में ऐसा मामला पुणे में देखने को मिला। यहां 13 साल के लड़के ने मामूली से झगड़े में 11 साल के बच्चे की हत्या कर दी। पुलिस ने जांच की तो चौंकाने वाले परिणाम निकले। हत्या करने वाले लड़के ने दृश्यम फिल्म को डाउनलोड कर बार-बार देखा और वारदात को अंजाम दिया। सिर्फ यही नहीं, पुलिस ने बताया कि सड़कों पर बेवजह वाहनों की तोड़फोड़ के मामले में भी कई नाबालिग बच्चे शामिल पाए गए।

पुलिस की स्टडी में पता चला कि बच्चे स्मार्टफोन का बेतहाशा इस्तेमाल कर रहे हैं और तत्काल फेमस होने के लिए किसी भी हद को पार कर देना चाहते हैं। इस सिलसिले में पुणे के असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर सुरेंद्र देशमुख कहते हैं- ‘शहर में ज्यादातर पैरेंट्स नौकरी के लिए घर से बाहर होते हैं। उन्हें पता ही नहीं रहता कि बच्चे मोबाइल में क्या देख रहे हैं, कैसा बर्ताव कर रहे हैं, उनके दोस्त कौन हैं। इसलिए पैरेंट्स का जागरूक होना बेहद जरूरी है।’ विख्यात साइबर साइकोलॉजिस्ट निराली भाटिया इस मामले में पूरा इत्तेफाक रखती हैं। वे कहती हैं-‘पैरेंट्स का बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखना जरूरी है।

 खासकर किशोरों पर। गूगल के फैमिली लिंक जैसे एप से आसानी से माॅनिटरिंग हो सकती है। पैरेंट्स काे यह पता हाेना चाहिए कि उनका बच्चा इंटरनेट पर कितना समय बिता रहा है, क्या देखता है, कितनी देर चैटिंग और गेम खेलता है। लेकिन इस बात का भी ध्यान रखना हाेगा कि बच्चाें काे यह न लगे कि अाप उनकी जासूसी कर रहे हैं। इसलिए, मोबाइल एेसी जगह ही रखें जहां हर वक्त अापकी नजर हाे।  बच्चों की हर अाॅनलाइन एक्टिविटी में शाामिल हाें। उन्हें बताएं कि अच्छे और बुरे कंटेंट में क्या फर्क है। कुछ गलत करे तो समझाएं, क्योंकि एप तो तभी काम करेगा, जब मोबाइल ऑन रहेगा या बच्चे के साथ रहेगा। डांट-फटकार से बच्चा मोबाइल बंद कर सकता है या फिर उसे कहीं छोड़ कर आपको गुमराह भी कर सकता है।’

ऐसे करें काबू: लोकेशन जानें, समय सीमा तय करें और रिपोर्ट भी देखें...
-गूगल फैमिली लिंक एप डाउनलोड कर उसके सेटिंग्स पर जाएं। इसके लोकेशन, टाइमिंग्स, रिपोर्ट पर क्लिक करें। ये आपकी मेल से लिंक अप रहेगा। पैरेंट्स इससे इन गतिविधियों को नियंत्रित कर सकते हैं। 
-हर वक्त बच्चे की लोकेशन जान सकेंगे। 
-इंटरनेट उपयोग की समय सीमा तय कर सकेंगे। यानी कितने से कितने बजे तक। ताकि देर रात वह चैटिंग न करे।
-उनकी इंटरनेट उपयोग की रिपोर्ट ले सकेंगे। 
-मोबाइल में किसी भी एप को इजाजत दे सकते हैं या ब्लॉक भी कर सकते हैं। 
-यानी बच्चा सिर्फ वही एप इस्तेमाल कर सकेगा, जिनकी आप इजाजत देंगे।
 

Created On :   9 Feb 2021 10:23 AM GMT

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