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पछले 3 वर्षों में मारे गए 137 टाईगर, करोड़ों रुपए पाने वाले वन विभाग से नहीं संभल पा रहे देश के राष्ट्रीय पशु
प्रदेश में टाईगरों की हो रहीं मौतों को कटघरे में रखने वाली जनहित याचिका में आरोप, हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब
डिजिटल डेस्क जबलपुर । हाईकोर्ट ने उस जनहित याचिका को काफी संजीदगी से लिया है, जिसमें प्रदेश में पिछले 3 वर्षों में हुईं 137 टाईगरों की मौत को कटघरे में रखा गया है। मामले में आरोप है कि हर साल करोड़ों रुपए का फंड पाने वाले वन विभाग से देश का राष्ट्रीय पशु नहीं संभल पा रहा है। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने याचिका में बनाए गए अनावेदकों को नोटिस जारी करके 5 अगस्त तक जवाब पेश करने के निर्देश दिए।
नई दिल्ली में रहने वाली वन्य जीव विशेषज्ञ संगीता डोगरा की ओर से दायर इस जनहित याचिका में कहा है कि मार्च 2019 में महाराष्ट्र के चंद्रपुर से एक टाईगर भटकते हुए कान्हा टाईगर रिजर्व में पहुंच गया। इस बीच उसने दो लोगों पर हमला भी किया था। कान्हा टाईगर रिजर्व में उस टाईगर को रेडियो कॉलर लगाया दिया गया। जून माह में टाईगर एक बार फिर कान्हा के जंगलों में बाहर निकला और उसने एक व्यक्ति पर हमला कर दिया। याचिका में आरोप है कि वन विभाग ने अपनी गलती को छिपाने के लिए दोष उस टाईगर पर मढ़ते हुए उसे आतंकी घोषित कर दिया। आरोप है कि वन विभाग करोड़ों रुपए का फंड पाने के बाद भी वो न तो टाईगर को बचा पा रहा और न ही उन लोगों को जिन पर हमले हो रहे हैं। आरोप यह भी लगाया गया है कि भोपाल के वन विहार में जिस तरह से टाईगरों को रखा जा रहा, उसे वह पार्क कम सर्कस ज्यादा लगता है। इन आधारों के साथ दायर याचिका में राहत चाही गई है कि टाईगर के संरक्षण में लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए जाएं। मामले पर हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष स्वयं रखा, जबकि राज्य सरकार की ओर से उपमहाधिवक्ता स्वप्निल गागुंली हाजिर हुए।
Created On :   10 July 2020 8:16 AM GMT