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149 करोड़ खर्च फिर भी लोगों के हिस्से में आ रहा बदबूदार पानी
डिजिटल डेस्क जबलपुर । बारिश के मौसम में अक्सर ही नलों से मटमैला पानी मिलता है लेकिन यह तब होता है, जबकि लगातार और तेज बारिश हो। अभी तक इस सीजन में ऐसा मौका ही नहीं आया कि कई दिनों तक तेज बारिश हुई हो और नर्मदा में उफान आ गया हो या फिर परियट ओवरफ्लो हो गया हो, इसके बाद भी कई क्षेत्रों में नलों से कुछ देर तक मटमैला पानी निकल रहा है, साथ ही पानी में बदबू भी आ रही है। लोग शिकायत कर रहे हैं लेकिन इसके बाद भी निगम कुछ कर नहीं पा रहा है। यही कारण है कि कई क्षेत्रों में लोगों को पीलिया, डायरिया सहित अन्य बीमारियाँ जकड़ रही हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि शहर की अधिकांश पेयजल लाइनें नालियों के जरिए ही घरों तक पहुँची हैं और इन्हें नालियों से अलग करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। नई टंकियों को बनाने और नई लाइनें डालने में ही निगम ने करीब 149 करोड़ रुपए फूँक दिए लेकिन इसका शहर के नागरिकों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। दीक्षितपुरा में कई जगह पाइप लाइन नालियों के इतने अंदर हो गई हैं कि वे पूरे समय गंदे पानी में ही डूबी रहती हैं। ऐसे में थोड़ा सा भी लीकेज होने पर गंदा पानी पाइप में प्रवेश कर जाता है और उसके बाद घरों में पहुँच जाता है। इस समस्या के लिए कई लोगों ने निगम से शिकायत की लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला। लेमा गार्डन की टंकी से जुड़े बड़े क्षेत्र में इन दिनों बेहद दूषित पानी की सप्लाई की जा रही है। यहाँ जब इसका कारण जानने का प्रयास किया गया तो पता चला कि लेमा गार्डन में बने गरीबों के आवास के पास सभी पाइप गंदे पानी में डूबे हुए हैं। यही हाल गाजी नगर का भी था। बारिश के दौरान तो सभी पाइप पानी में ही डूबे नजर आते हैं। यही गंदा पानी लीकेजों के जरिए शांतिनगर, त्रिमूर्तिनगर, कृष्णा कॉलोनी व इससे लगी कॉलोनियों में घरों तक पहुँच जाता है।
घरों तक पहुँची लाइन में समस्या
नगर निगम का दावा है कि ललपुर वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट हो या फिर रमनगरा प्लांट यहाँ से पानी को पूरी तरह साफ करके ही टंकियों में भेजा जाता है। इन प्लांटों में पानी को साफ करने के लिए क्लोरीन, एलम, ब्लीचिंग पाउडर और चूना का इस्तेमाल किया जाता है। इसके बाद जब पानी को टंकियों में भेजा जाता है तब तक भी कोई परेशानी नहीं होती है लेकिन असली मुसीबत होती है घरों तक होने वाली सप्लाई में।
नालियों से नहीं हट सकीं लाइनें
अधिकांश पेयजल लाइनें नालियों के सहारे ही घरों तक पहुँचती हैं और यहीं से पानी में गंदगी मिलती है। पाइप लाइनों में लीकेज हो जाते हैं जिससे नालियों का गंदा पानी लीकेज के जरिए पाइप लाइन के अंदर चला जाता है और फिर यह पानी घरों तक पहुँच जाता है। अमृत योजना के तहत नगर निगम ने करीब 149 करोड़ रुपयों की लागत से 16 नई टंकियों का िनर्माण कराया, रमनगरा की दूसरी राइजिंग मेन लाइन डाली और 16 टंकियों के सप्लाई क्षेत्रों में नई पाइप लाइन डाली गईं लेकिन वे जमीन में दफ्न होकर रह गई हैं। उनका उपयोग ही नहीं किया जा रहा है।
Created On :   26 Aug 2021 1:37 PM IST