नवरात्रि पर भी GST की मार, मू्र्तियों के दामों में 15 से 20 फीसदी का इजाफा

15-20 percentage of price will be hike on statue in Maa durga
नवरात्रि पर भी GST की मार, मू्र्तियों के दामों में 15 से 20 फीसदी का इजाफा
नवरात्रि पर भी GST की मार, मू्र्तियों के दामों में 15 से 20 फीसदी का इजाफा

डिजिटल डेस्क सीधी।  जीएसटी यानि गुड्स एंड सर्विस टैक्स से आम आदमी के साथ भगवान की मूर्तियां भी प्रभावित हो रही हैं। जीएसटी के चलते लकड़ी, कील, प्लाई व पेंट की कीमत बढ़ जाने से मूर्ति निर्माण महंगा हो गया है वहीं हवन-पूजन का खर्च भी बढ़ जाएगा। एक अनुमान के अनुसार जीएसटी से अकेले मूर्तियों की कीमत 15 से 20 फीसदी तक बढ़ गई हैं।
शहर में नवरात्रि की तैयारियां शुरू हो गई हैं। मूर्तिकार प्रतिमाओं को आकार देने लगे हैं उत्सव समितियां आयोजन की तैयारियों में जुटे हुये है।  जीएसटी से नवरात्रि पर सम्भावित असर के आकलन का प्रयास किया जिसमें जिले में विभिन्न स्थानों पर दुर्गा मूर्ति का निर्माण कर रहे  मूर्तिकारों ने बताया कि कच्चा माल की खरीदी पर जीएसटी का असर पड़ रहा है। लिहाजा हर सामान पिछले साल की तुलना में ज्यादा कीमत में खरीदनी पड़ रही है। मूर्ति निर्माण की सामग्री में जीएसटी देना पड़ रहा है चाहे वह लकड़ी हो या पेंट सभी की कीमत में दस से 15फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। जीएसटी के कारण आवश्यक चीजों के दामों में बढ़ोत्तरी से मूर्ति निर्माताओं में असंतोष तो है ही साथ ही हफ्ते भर पहले से मूर्तियों की खरीददारी कर चुके लोग भी मूर्तियों के दामों में बढ़ोत्तरी को लेकर नाराज देखे जा रहे हैं। जीएसटी से जिले के संविदाकार भी परेशान हैं  आंदोलन के लिये रणनीति बनाने जा रहे हैं।
मूर्तियों के दर में पड़ा असर
जीएसटी से नफे-नुकसान की चर्चा के बीच खबर है कि देवी देवताओं की मूर्तियों पर भी इसका असर पड़ेगा। सरकार ने जिस तरह से जीएसटी लागू किया है आम आदमी के साथ भगवान भी इससे नहीं बच सकेंगे। दरअसल जीएसटी के दायरे में खाने-पीने की चीजें और अन्य जरूरत की सामग्री ही नहीं बल्कि देवी-देवताओं की मूर्तियां भी आ गई हैं। यह अलग बात है कि पहले समझ में नहीं आ रहा था और अब जबकि मूर्तियों का निर्माण व खरीदी बिक्री शुरू हुई तो जीएसटी का असर दिखने लगा है।
कितना पड़ेगा जीएसटी का असर
मूर्ति बनाने वाले कलाकारों के अनुसार तीन से चार फिट की दुर्गा मूर्ति की औसत कीमत पिछले साल चार हजार रुपये थी वही इस वर्ष मूर्ति की कीमत पांच से छ: हजार तक हो गई है।
कपड़े और भगवान के वस्त्र में -    5 से 12 प्रतिशत
प्लाई, पेंट व रंग में     -    28 प्रतिशत
शृंगार, अस्त्र-शस्त्र सामग्री में  -    5 प्रतिशत
चाक मिट्टी, पीवीसी     -    15 प्रतिशत
अन्य उपयोगी सामान     -     5 से 10 प्रतिशत
पूजा पाठ की सामग्री     -    5 प्रतिशत

50 लाख से अधिक का कारोबार
नवरात्रि में हर वर्ष करीब 50 लाख से अधिक मूर्ति का कारोबार होता है। एक अनुमान के मुताबिक करीब दो हजार सार्वजनिक पंडालों में औसत 5 से 10 फिट की प्रतिमा विराजमान होती है। वहीं घर मे विराजमान मूर्तियो का तो कोई हिसाब ही नहीं है। दुर्गा उत्सव को लेकर शहर ही नहीं गांव-गांव में मूर्तियंा रखी जाती हैं। एक गांव में कम से कम आधा दर्जन मूर्तियों की स्थापना  होती है।
इनका कहना है -
जीएसटी लगने से हर वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष प्रतिमा बनाने वाली सामग्री की कीमत बढ़ गयी है जिससे कई सामग्री काफी मंहगे दामों में मिल रही है। जिसके चलते जितना मूर्ति का निर्माण पिछले साल हुआ था इस वर्ष कम ही हुआ है। सामग्री की कीमत बढऩे पर प्रतिमा की कीमत भी बढ़ गयी है।
रमेश कुमार  मूर्तिकार                        

 

Created On :   19 Sep 2017 7:27 AM GMT

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