कोरोना संक्रमण से मंत्रालय के 15 अधिकारयों-कर्मचारियों की जा चुकी है जान 

15 officials-employees of the ministry died due to corona infection
कोरोना संक्रमण से मंत्रालय के 15 अधिकारयों-कर्मचारियों की जा चुकी है जान 
कोरोना संक्रमण से मंत्रालय के 15 अधिकारयों-कर्मचारियों की जा चुकी है जान 
हाईलाइट
  • मुख्य सचिव सहित कई आईएएस अधिकारी हो चुके हैं संक्रमित
  • लोगों से मिलने से बचते हैं अधिकारी 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संकट के बीच प्रदेश सरकार की मिशन बिगिन अगेन परिकल्पना के तहत मंत्रालय में कामकाज ने रफ्तार पकड़ ली है पर हर दिन कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के कारण मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच खौफ का माहौल है। कोरोना संक्रमण के कारण मंत्रालय में करीब 15 अधिकारियों-कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। जबकि राज्य के मुख्य सचिव संजय कुमार समेत कई आईएएस अफसर कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। वहीं सैकड़ों की संख्या में अधिकारी और कर्मचारी भी कोरोना के चपेट में आ चुके हैं। मंत्री कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारियों के अलावा 16 मंत्री भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके चलते वरिष्ठ अधिकारी पत्रकारों सहित दूसरे लोगों से मिलने से बचते नजर आते हैं। 

कर्मचारियों की संख्या घटाने की मांग

इसके मद्देनजर महाराष्ट्र राज्य राजपत्रित अधिकारी महासंघ ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे से मंत्रालय में ए और बी समूह के अधिकारियों की मौजूदा उपस्थिति क्षमता 100 प्रतिशत को घटाने की मांग की है। राजपत्रित अधिकारी महासंघ के संस्थापक व मुख्य सलाहकार जी डी कुलथे ने "दैनिक भास्कर’ से बातचीत में कहा कि हमने टोपे से मंत्रालय में अधिकारियों की उपस्थिति 100 प्रतिशत से कम करने की मांग की है। इस पर टोपे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बातचीत करके फैसला लेने का आश्वासन दिया है। कुलथे ने कहा कि हमने सरकार से सितंबर में ही अधिकारियों की 100 प्रतिशत उपस्थिति को कम करने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने अनलॉक के नए आदेश में अधिकारियों की उपस्थिति कम करने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया। इस कारण हमने टोपे से मुलाकात की है। हमें उम्मीद है कि सरकार मानवीयदृष्टि से कोई फैसला करेगी। महाराष्ट्र सरकार ने बीते 1 सितंबर से क्लास ए व क्लास बी के अधिकारियों-कर्मचारियों की 100 फीसदी उपस्थिति को अनिवार्य किया था। इससे मंत्रालय में काम करने वाले 80 फीसदी स्टाफ को ड्यूटी पर आना पड़ रहा है।

जांच हुई तो 10 फीसदी मिलेंगे कोरोना पॉजिटिव

महाराष्ट्र मंत्रालय अधिकारी संगठन के महासचिव विष्णु पाटील ने कहा कि मंत्रालय के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की कोरोना जांच कराने संबंधी फाइल स्वास्थ्य विभाग के प्रधान  सचिव डॉ प्रदीप व्यास के पास महीनों से पड़ी है लेकिन उन्होंने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। स्वास्थ्य मंत्री टोपे के कार्यालय के अधिकारी कहते हैं कि सरकारी कर्मियों के कोरोना जांच का विषय चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन आता है। सरकार ने मंत्रालय के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की जांच कराई, तो कम से कम 10 प्रतिशत लोग कोरोना संक्रमित निकलेंगे। पाटील ने कहा कि मंत्रालय में सरकार ने ए और बी ग्रुप के अधिकारियों की 100 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य की है। इससे मंत्रालय के छह हजार अधिकारी और कर्मचारियों में से हर दिन करीब 4800 लोगों को आना पड़ता है। इसके अलावा मंत्रियों के कार्यालय में हर दिन विभिन्न दलों के कार्यकर्ता और आगंतुक आते हैं। ये लोग प्रवेश के समय किसी एक विभाग में जाने के लिए पास निकालते हैं लेकिन पूरे मंत्रालय भर में घुमते हैं। इस कारण कोरोना फैलने का डर बना रहता है। राज्य सरकारी गट ड (चतुर्थश्रेणी) कर्मचारी मध्यवर्ती संगठन के अध्यक्ष भाऊसाहब पठान का कहना है कि कोरोना के बढ़ते प्रसार के कारण मंत्रालय के अधिकारी और कर्मचारी डर के साये में काम कर रहे हैं। सरकार ने अधिकारियों और कर्मचारियों को मरने के लिए छोड़ दिया है। पठान ने कहा कि मंत्रालय में पहले कोरोना संक्रमित मिलने पर संबंधित विभाग को बंद कर दिया जाता था, लेकिन अब दूसरे दिन से ही नियमित काम शुरू कर दिया जाता है। पठान ने कहा कि मंत्रालय में मंत्रियों के केबिन में हर दिन नेताओं और कार्यकर्ताओं की भीड़ लगी रहती है। सत्ताधारी दलों के कार्यकर्ता मंत्रालय में आते हैं। कई लोग मास्क भी नहीं पहनते हैं। मंत्रालय में आने वाले लोगों की जांच के लिए प्रवेश द्वार पर कोई सुविधा नहीं है

मंत्रालय में हर दिन हजारों लोगों की आवाजाही 

मंत्रालय में प्रतिदिन लगभग पांच हजार अधिकारी और कर्मचारी आते हैं। मुख्यमंत्री,उपमुख्यमंत्री और मंत्रियों के कार्यालय में करीब एक हजार अधिकारियों और कर्मचारियों को आना पड़ता है। यहां हर दिन दो से तीन हजार आंगुतकों का जमावड़ा भी होता है 

मंत्रालय के अधिकारी और कर्मचारी संगठनों की मांगें 

-    मंत्रालय में ए और बी समूह के अधिकारियों की मौजूदा 100 प्रतिशत उपस्थिति क्षमता को कम किया जाए
-    मंत्रालय के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की कोरोना जांच हो 
-    मंत्रालय में आने वाले आंगतुकों के प्रवेश पर रोक लगे
-    मंत्रालय में आने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के तापमान की जांच के लिए प्रवेश द्वार पर व्यवस्था हो 
-    मंत्रालय में शौचालय समेत दूसरी जगहों पर साफ सफाई की पर्याप्त सुविधाएं हो 
-    मंत्रालय के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को 50 लाख रुपए का बीमा कवच मिले
 

Created On :   1 Oct 2020 6:22 PM IST

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