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सतपुड़ा टाइगर रिजर्व भेजे गए 17 और चीतल, अब तक हुए 350, पेंच में हैं 50 हजार
डिजिटल डेस्क सिवनी । पेंच टाइगर रिजर्व से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से हाल ही में 17 चीतलों को शिफ्ट किया जा चुका है। अब तक यहां से करीब 350 चीतल जा चुके हैं। चौकाने वाली बात यह है कि शिफ्ट हुए चीतलों में एक की भी मौत सतपुड़ा में नहीं हुई है। सभी चीतल सतपुड़ा की आवाहोवा में रच-बस गए हैं और उन्होंने वहां के माहौल में अपने आप को ढाल लिया है। ज्ञात हो कि इससे पहले सिवनी से काले हिरणों को कान्हा टाइगर रिवर्ज भेजा गया था लेकिन उसमें से कई की मौत हो चुकी थी। चीतलों का घनत्व कंट्रोल करने के लिए पेंच से शिफ्टिंग का काम किया जा रहा है।
महादेवघाट में बना अस्थाई बोमा
जानकारी के अनुसार पेंच के महादेवघाट क्षेत्र में अस्थाई बोमा बनाया गया है। यहां से चीतलों को पकड़कर उन्हें शिप्टि किया गया है। हालांकि यह बोमा छोटा है। ऐसे में यहां पर कम ही संख्या में चीतल बोमा के अंदर आ पाते हैं। पूर्व में भी यहां से चीलतों को पकड़कर भेजा गया था। हालांकि शिप्टिंग का काम पिछले आठ माह से चल रहा है। सतपुड़ा में एक हजार चीलतों को भेजे जाने का लक्ष्य है। इसके बाद नौरादेही में एक हजार चीतलों को भेजा जाएगा। यह काम पहले चरण के बाद ही किया जाएगा।
दो बड़े बोमा बनाए जाएंगे
चीतलों को पकडऩे के लिए दो क्षेत्रों में बड़े बोमा बनाए जाएंगे। इसके लिए वन विभाग ने प्रस्ताव बनाकर भेजा था जिस पर मंजूरी मिल गई है। ये बोमा सिवनी और छिंदवाड़ा के जंगल में बनाए जाएंगे। ये वे क्षेत्र हैं जहां पर चीतलों की अधिक आवाजाही होती है। हालांकि चीतल वहां पर ही अधिक रहते हैं जहां पर आसानी से उनको भोजन मिल सके। ऐसे में कोशिश की जाएगी कि बोमा वाले क्षेत्र में हरी घांस के लिए मैदान तैयार किए जाएंगे। ज्ञात हो कि सबसे बड़े बोमा कान्हा टाइगर रिजर्व में लगे हुए हैं। ये सभी पार्कों से बड़े हैं।
पेंच में सबसे ज्यादा चीतलो का रिकार्ड
पेंच के पशु चिक्त्सिक डॉ अखिलेश मिश्रा के मुताबिक पेंच टाइगर रिजर्व में सबसे ज्यादा चीतलों की संख्या है। यहां पर प्रति वर्ग किलो मीटर में 60 से 70 चीतल पाए जाते हैं जो कि रिकार्ड है। वर्तमान में यहां पर 50हजार के करीब चीतल हैं। चीतलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए शिफ्टिंग का काम किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इसे दूसरे क्षेत्रों में चीतलों की संख्या बढ़ेगी और टाइगर की संख्या बढऩे में भी मदद मिलेगी। चीतलों को भेजने के पहले जांच पड़ताल की उनकी शिफ्टिंग की गई। जल्द ही और बोमा बनने से चीतलों को अधिक संख्या में पकड़ा जा सकेगा।
Created On :   25 Dec 2017 4:48 PM IST