20 करोड़ का साइबर फ्रॉड मामला पैसों की चाहत में रेलवे का सब इंजीनियर बन गया ठग जीजा भी दे रहा था साथ

20 crore cyber fraud case became a railway engineer in want of money, thug brother-in-law was also giving along
20 करोड़ का साइबर फ्रॉड मामला पैसों की चाहत में रेलवे का सब इंजीनियर बन गया ठग जीजा भी दे रहा था साथ
20 करोड़ का साइबर फ्रॉड मामला पैसों की चाहत में रेलवे का सब इंजीनियर बन गया ठग जीजा भी दे रहा था साथ

डिजिटल डेस्क बालाघाट । बालाघाट पुलिस द्वारा मंगलवार को उजागर किए गए 20 करोड़ के साइबर फ्रॉड मामले में अहम भूमिका निभाने वाले हुकुम सिंह ने पुलिस को बताया कि वह रेलवे में सब इंजीनियर के पद पर पदस्थ है। जो पैसों की लालच में ऑनलाइन ठग बन गया। इस काम मेंउसका जीजा मनोज राणा भी साथ देता था। जो मैनेजर के रूप में काम देख रहा था और व्यापारियों को फर्जी मोबाइल पहुंचाने व वसूली का काम करता था। पूछताछ के बाद पुलिस ने दोनों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है। वहीं झारखंड से पकड़े गए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर ट्रांजिड रिमांड पर बालाघाट लाया गया है। बाकी बचे अन्य तीन आरोपियों को आंध्रप्रदेश व झारखंड से पुलिस के द्वारा लाया जाएगा।  पुलिस अधीक्षक अभीषेक तिवारी ने बताया कि जीजा-साले वर्ष 2019 से इस नेटवर्क से जुडकऱ फर्जीवाड़ा कर रहे थे। पिछले वर्ष ही हुकुम की रेलवे में सब इंजीनियर के पद पर नौकरी लगी थी। वह नागपुर रेलवे में पदस्थ था। भोपाल में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान हुकुम इस नेटवर्क से जुड़ा गया था। दोनों को 5 से 10 परसेंट का कमीशन मिलता था। जिनके पास से पिछले 4 से 5 महीनों के दौरान गिरोह के जरिए कमाए गए 1.30 करोड़ के लेनदेन का हिसाब-किताब मिला है। गौरतलब है कि बालाघाट पुलिस ने सेंट्रल और विभिन्न जांच एजेंसियों की मदद से मंगलवार को 20 करोड़ का अंतरराज्यीय साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश किया है। इस मामले में मप्र, झारखंड और आंध्रप्रदेश से 8 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें दो आरोपी बालाघाट के हैं। इस नेटवर्क के तार 18 राज्यों में फैले हैं। अब तक पुलिस ने 300 से ज्यादा मोबाइल हैंडसेट और 10 लाख नकद जब्त किए हैं। 
और हो सकते है खुलासे 
श्री तिवारी ने बताया कि बालाघाट सहित झारखंड और आंध्रप्रदेश के अलग-अलग शहरों में गिरोह के कई लेवल में काम बंटे हुए है। झारखंड के देवघर में बैठे आरोपी ओटीपी से जुड़े फर्जीवाड़ा कर रहे थे। वहीं, रांची में साइबर फ्रॉड नेटवर्क का काम हो रहा था। यह अंतरराज्जीय गिरोह ऑर्गनाइज तरीके से काम को अंजाम दे रहा था, जिसके तह तक पुलिस पहुंच रही है, जिसके बाद और भी खुलासे होंगे। 
इनका कहना है
ठगी का यह गिरोह बेहद सुव्यवस्थित ढंग से फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहा था। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है। पुलिस सहित सभी जांच एजेंसियां  जांच में जुटी है, जिसके बाद अन्य खुलासे भी होंगे।""
अभिषेक तिवारी, पुलिस अधीक्षक, बालाघाट
 

Created On :   17 Jun 2021 4:24 PM IST

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