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3 की क्षमता वाले ऑटो में बैठा रहे 20 सवारियां
जानलेवा सफर, कभी भी हो सकता है ग्वालियर जैसा हादसा
डिजिटल डेस्क शहडोल । ऑटो जैसे छोटे वाहनों में क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाकर लोगों की जान जोखिम में डाली जा रही है। नियमानुसार 3 से 5 सवारियों की क्षमता वाले ऑटो में 15 से 20 लोगों तक को बैठाया जा जाता है। मंगलवार को ग्वालियर में हुए हादसे में यह स्थित सामने आई कि एक ऑटो में ड्राइवर सहित 12 महिलाएं सवार थीं, की टक्कर से सभी की दर्दनाक मौत हो गई। जिले में भी ऐसे हालात बन रहे हैं, जहां ऑटो, वैन और मालवाहकों में क्षमता से अधिक सवारी बैठाई जा रही हैं। यही हाल स्कूली वाहनों में देखने को मिलता है। हालांकि कोरोना के चलते स्कूली वाहन नहीं चल रहे हैं, लेकिन मैजिक जैसे वाहनों में भी नियमों को ताक पर रखकर सवारियां ढोने का काम किया जा रहा है। लेकिन इस ओर यातायात और परिवहन अमले का ध्यान कम ही जाता है। छिटपुट हादसों को छोड़ दिया जाए तो जिले में अभी तक बड़े हादसे नहीं हुए हैं, लेकिन इसी प्रकार सफर जारी रहा तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। आरटीओ के अनुसार जिले में 2500 ऑटो रजिस्टर्ड हैं।
एक ऑटो में मिले 18 सवारी
जैसा कि होता आया है, जब भी कहीं कोई हादसा होता है तो संबंधित विभाग द्वारा कार्रवाई शुरु कर दी जाती है। ग्वालियर हादसे के बाद यातायात विभाग सक्रिय हुआ। मंगलवार से ही जिले में कार्रवाई शुरु कर दी गई। जिले से होकर पंचगांव रोड की ओर जाने वाली ऑटो व अन्य वाहनों की चेकिंग की गई। इस दौरान दो ऑटो पर चालानी कार्रवाई की गई। आश्चर्य की बात रही की एक ऑटो में 15 तो दूसरे में 18 लोगों को ठूंस-ठंसकर भरा गया था।
इन रूटों पर ओवर लोड
ऑटो व मैजिक जैसे वाहनों में ज्यादातर उन रूटों पर ओवर लोड मिलते हैं जो शहर के नजदीकी गांवों से जुड़े हुए हैं। इंदिरा चौक से जमुई, धुरवार, कंचनपुर, उधिया, बुढ़ार की ओर जाने वाले आटो में क्षमता से अधिक सवारियां बैठाई जाती हैं। इसी प्रकार सिंहपुर रोड में सिंहपुर, पड़मनियां की ओर से आने-जाने वाले, गंज के पास कल्याणपुर, विचारपुर, पंचगांव, शाहपुर तथा जय स्तंभ व पाली रोड में पाली, कोनी, छतवई, गोहपारू की ओर जाने वाले वाहनों में ओवर लोड की स्थिति बनती है। ज्यादातर वाहनों में सुबह व शाम मजदूरों को लाया ले जाया जाता है, जिनमें क्षमता से अधिक लोग होते हैं।
नियमों का उल्लंघन
एक ऑटो में चालक को छोड़कर 3 सवारियों की पासिंग होती है। स्कूली वाहन ऑटो में 5-6 तक रहती है। वैन में 6 व 8 सवारी की पाङ्क्षसग वैध है, लेकिन इन नियमों का पालन कतई नहीं होता। कई वाहनों को मॉडिफाई कर अधिक सीटें बना ली गई हैं। ताकि अधिक लोगों को बैठाया जा सके। चालक भी वर्दी में नजर नहीं आते। इसके अलावा सबसे अहम परमिट, 90 प्रतिशत वाहनों में नहीं मिलते।
लगातार कार्रवाई की जा रही है। अनाउंस कराकर चेतावनी दी गई है कि नियमों का पालन करें। चालकों के वर्दी में नहीं होने, गलत पार्किंग, ओवर लोड आदि को लेकर सभी थाना व सूबेदार को निर्देश दिए हैं कि प्रतिदिन कार्रवाई जारी रखें।
अखिलेश तिवारी, डीएएपी यातायात
परमिट न बनवाने व अन्य नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई हो रही है। निर्देश दिए हैं कि ओवर लोड वाहन न चलाएं, वाहनों को मॉडीफाई न करें तथा गैस किट न लगाएं। हालांकि जिले में एलपीजी गैस से कोई ऑटो नहीं चल रहे हैं।
आशुतोष भदौरिया, आरटीओ
Created On :   25 March 2021 5:30 PM IST