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शहडोल में 21 डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा -दंत चिकित्सक को सिविल सर्जन बनाए जाने का विरोध , एक और बच्ची की मौत
डिजिटल डेस्क शहडोल । शहडोल जिला चिकित्सालय में अव्यवस्थाएं अब भी हावी हैं। मंगलवार को यहां 21 चिकित्सकों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया। चिकित्सकों का आरोप है कि यहां दंत चिकित्सक को सिविल सर्जन बना दिया गया है। हालांकि सीएमएचओ डॉ. एमएस सागर ने डॉक्टरों के इस्तीफे का आवेदन लौटा दिया है। उन्होंने कहा है कि इसे निर्धारित नियमों के तहत दिया जाना चाहिए। इस घटनाक्रम के बीच शहडोल में एक और बच्ची की जान चली गई। बच्ची की मौत उपचार के दौरान एक निजी क्लीनिक में इलाज के बाद हुई। परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप भी लगाया है। ग्राम केलमनिया निवासी रामनाथ कोल ने बताया कि उनकी डेढ़ महीने की बच्ची पुष्पांजलि पिछले कुछ दिनों से बीमार थी। वे सोमवार को उसे लेकर डॉ. राजेंद्र सिंह के क्लीनिक पहुंचे। डॉ. सिंह ने दवाएं लिखी थीं। इसके बाद वे बच्ची को घर ले गए।
मंगलवार सुबह बच्ची की तबीयत फिर से खराब हो गई। बच्ची को लेकर सुबह वे फिर से डॉ. सिंह के क्लीनिक पहुंचे। रामनाथ का आरोप है कि डॉक्टर ने पुष्पांजलि को ठीक से नहीं देखा और उसे जिला चिकित्सालय ले जाने के लिए कह दिया। जिला चिकित्सालय में नर्स ने जांच के बाद बच्ची को मृत घोषित कर दिया। आरोप है कि बच्ची की पहले ही मौत हो चुकी थी। डॉक्टर द्वारा उसके इलाज में लापरवाही बरती गई है।
सांस लेने में थी दिक्कत
डॉ. राजेंद्र सिंह का कहना है कि बच्ची को अधिक सर्दी थी और सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। सोमवार को ही उसे भर्ती कराने के लिए कहा गया था, लेकिन परिजन स्वयं उसे घर ले गए। मंगलवार को जब पहुंचे तो बच्ची काफी सीरियस थी। फिर उसे जिला चिकित्सालय ले जाने की सलाह दी गई।
भटकते रहे मरीज
चिकित्सालय में मंगलवार को भी अफरा-तफरी का माहौल रहा। दंत चिकित्सक को सिविल सर्जन बनाए जाने के विरोध में अधिकांश डॉक्टर इस्तीफा देने सीएमएचओ के पास चले गए। उन्होंने काम नहीं किया। मरीज व परिजन भटकते रहे। बाद में इमरजेंसी ड्यूटी के लिए मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों को बुलाया गया।
Created On :   23 Dec 2020 2:11 PM IST