22 लाख ड्राइवरों की कमी, खोले जाएंगे 2 लाख प्रशिक्षण केन्द्र

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
22 लाख ड्राइवरों की कमी, खोले जाएंगे 2 लाख प्रशिक्षण केन्द्र

डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश का परिवहन क्षेत्र वाहन चालकों की कमी से जूझ रहा है। इस कमी को दूर करने के लिए देशभर में करीब दो लाख प्रशिक्षण केंद्र खोले जाने की घोषणा की गई थी, लेकिन अभी तक नागपुर में इस केंद्र का श्रीगणेश नहीं हो पाया है। हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने इस बात का भी खुलासा किया था कि, देश में परिवहन क्षेत्र में करीब 22 लाख ड्राइवरों की कमी है। उन्होंने यह भी कहा था कि, ड्राइवरों की इस कमी को दूर करने के लिए शैक्षणिक योग्यता की अनिवर्यता को समाप्त कर दिया जाएगा। बता दें कि, पहले ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आठवीं की शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य थी, लेकिन अब परिवहन मंत्रालय इसे समाप्त करने की घोषणा कर चुका है। 

नागपुर के एक पूर्व ट्रांसपोर्ट कारोबारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, नागपुर में परिवहन क्षेत्र में करीब 20 हजार से अधिक वाहन चल रहे हैं। यहां पर  करीब 6 हजार ड्राइवरों की कमी है। नौसिखिए ड्राइवरों के माध्यम से इस कमी को कई कारोबारी पूरा कर रहे हैं। नागपुर के परिवहन क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब के चालक अनुभवहीन होने के बाद भी परिवहन क्षेत्र में ड्राइवर का काम कर रहे हैं। इस पूर्व ट्रांसपोर्ट कारोबारी की मानें तो नागपुर के परिवहन क्षेत्र में 30 फीसदी चालकों के पास परिवहन क्षेत्र में काम करने का लाइसेंस ही नहीं है, फिर भी उनसे काम लिया जा रहा है। इस बात की जांच स्थानीय आरटीओ भी कभी नहीं करता है। पुलिस विभाग कभी-कभार परिवहन क्षेत्र के ड्राइवरों के लाइसेंस की जांच मुहिम चलाया करता है। सरकारी आंकड़े पर गौर करें तो देश में हर एक घंटे में 17 से अधिक लोग सड़क दुर्घटना के कारण मौत के शिकार हो रहे हैं। हर साल सड़क हादसे में 1.50 लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। महाराष्ट्र, कर्नाटक और राजस्थान शीर्ष 5 राज्यों में शामिल हैं। 

यहां से चलता है परिवहन कारोबार 
सूत्रों के अनुसार नागपुर में परिवहन क्षेत्र से जुड़े अधिकांश कारोबारियों के पास 200 से 300 वाहन हैं। अकेले नागपुर शहर की बात करें तो वर्धमान नगर, उत्तर नागपुर, वाड़ी , वड़धामना, बुटीबोरी, खापरी, कोराडी  व अन्य स्थानों पर परिवहन क्षेत्र से हजारों कारोबारी जुड़े हैं। कई परिवहन कारोबारी अपना कारोबार समेट कर दूसरा व्यवसाय करने में लग गए हैं। उनका कहना है िक, नौसिखिए वाहन चालक के हाथ में वाहन देने पर कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 

यह भी जानें
सूत्रों के अनुसार कोई व्यक्ति यदि ड्राइविंग का टेस्ट पास कर जाता है तो उसको लाइसेंस जरूर दिया जाएगा। इससे कई बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। इधर नागपुर में परिवहन क्षेत्र से जुड़े कारोबारी मानते हैं िक, इस क्षेत्र में सिर्फ 7 महीने का व्यवसाय रहता है। इन 7 महीनों में कारोबारी को अपने वाहनों की किस्त और ड्राइवर का वेतन निकालना पड़ता है। पूर्व ट्रांसपोर्ट कारोबारी का कहना है कि, अगर हम ट्रकों की बातें करें तो ट्रक खड़ा रहने पर हर माह करीब 35 हजार रुपए का खर्च आता है, इसलिए कोई परिवहन कारोबारी इसे खड़ा नहीं करना चाहता है।

परिवहन क्षेत्र के ड्राइवरों का डेटा नहीं 
शहर आरटीओ के पास परिवहन क्षेत्र में कार्य करने वाले ड्राइवरों का डेटा उपलब्ध नहीं है। इसका कारण यह है कि, कई लोग निजी तो कई लोग शासकीय परिवहन क्षेत्र में कार्यरत हैं। नागपुर में परिवहन क्षेत्र के ड्राइवरों को प्रशिक्षित करने वाला फिलहाल कोई प्रशिक्षण केंद्र शुरू नहीं किया गया है और न ही इस बारे में कोई जानकारी अभी तक हमें दी गई है। अभी तक शहर आरटीओ में ऐसा कुछ भी नहीं है।   
-अतुल आदे, उपप्रादेशिक परिवहन अधिकारी, शहर नागपुर
 

Created On :   26 Nov 2019 3:07 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story