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जलाशयों में बचा है 22 प्रतिशत पानी, मानसून में देरी से बढ़ सकता है जल संकट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मानसून के आगमन में हो रही देरी के बीच महाराष्ट्र के जलाशयों में अब 22.99 प्रतिशत पानी का भंडार बचा हुआ है। जबकि पिछले साल इस दिन जलाशयों में 22.2 प्रतिशत पानी संग्रह था। प्रदेश के चार संभाग पुणे, नाशिक, औरंगाबाद और नागपुर के जलाशयों का जलस्तर लगातार कम हो रहा है। जून महीने के आखिर तक अच्छी बारिश नहीं हुई तो जलाशयों का जलस्तर और गिर जाएगा। बुधवार को राज्य सरकार के जलसंसाधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के मध्यम, लघु और बड़े ऐसे कुल 3267 जलाशयों में 16558.29 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी शेष है। जिसमें से इस्तेमाल करने लायक केवल 9373.59 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी है। नागपुर विभाग के 384 जलाशयों में बीते साल के 27.31 प्रतिशत पानी के मुकाबले फिलहाल 27.38 प्रतिशत जलसंग्रह उपलब्ध है। अमरावती विभाग के 446 जलाशयों में 32.73 प्रतिशत जल भंडारण है। पिछले साल इस अवधि में अमरावती विभाग के जलाशयों में 27.6 प्रतिशत पानी उपलब्ध था। औरंगाबाद विभाग के 964 जलाशयों में 27.1 प्रतिशत पानी उपलब्ध है। वहीं बीते साल औरंगाबाद विभाग के जलाशयों में 24.56 प्रतिशत पानी बचा था। नाशिक विभाग के 571 जलाशयों में 21.9 प्रतिशत पानी उपलब्ध है। जबकि पिछले साल नाशिक विभाग के जलाशयों में 19.56 प्रतिशत जल संचय था। पुणे विभाग के 726 जलाशयों में बीते साल के 17.44 प्रतिशत की तुलना में अभी 14.44 प्रतिशत पानी बचा हुआ है। कोंकण विभाग के 176 जलाशयों में 36.16 प्रतिशत पानी उपलब्ध है। जबकि बीते साल कोंकण विभाग के जलाशयों में इस दौरान 28.41 प्रतिशत जलसंचय था।
किस विभाग के जलाशयों में कितना पानी
पुणे विभाग - 14.44 प्रतिशत
नाशिक विभाग - 21.9 प्रतिशत
औरंगाबाद विभाग - 27.1 प्रतिशत
नागपुर विभाग - 27.38 प्रतिशत
अमरावती विभाग- 32.73 प्रतिशत
कोंकण विभाग - 36.16 प्रतिशत
किस जलाशय में कितना पानी उपलब्ध
जायकवाड़ी - 33.77 प्रतिशत
मांजरा - 31.45 प्रतिशत
माजलगांव- 28.17 प्रतिशत
येलदरी- 53.87 प्रतिशत
गोसीखुर्द - 12.13 प्रतिशत
बावनथडी -0.49 प्रतिशत
सिरपुर - 3.27 प्रतिशत
निम्न वर्धा - 42.42 प्रतिशत
Created On :   15 Jun 2022 9:35 PM IST