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एक पेड़ गिनने पर 24 रुपए होंगे वसूल, टैक्स से पूरा खर्च निकालने की कवायद
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में वृक्ष गणना हर पांच साल में होनी चाहिए। मनपा की आर्थिक तंगी के चलते साल 2016 में यह गणना नहीं हो पाई थी। गत दो साल से वृक्ष गणना का नियोजन चल रहा है, लेकिन कोविड संकट के चलते काम लड़खड़ाता रहा। कोविड का प्रादुर्भाव कम होने पर अब वृक्ष गणना करने सक्षम एजेंसी की नियुक्ति के प्रस्ताव को स्थायी समिति ने मंजूरी दे दी है। यह जानकारी देते हुए समिति सभापति प्रकाश भोयर ने पत्र परिषद में कहा कि पांच साल में इस योजना पर 6 करोड़ रुपए खर्च अपेक्षित है। प्रस्तावित वृक्ष गणना जीआईएस व जीपीएस पद्धति से करने का निर्णय लिया गया है। वृक्षों को जियो टैगिंग किया जाएगा, जिससे वृक्ष की हमेशा पहचान बनी रहेगी।
हेरिटेज वृक्ष की सूची बनेगी : गणना के माध्यम से वृक्षों की संख्या, प्रजाति, कार्बन उत्सर्जन करनेवाले वृक्ष, हेरिटेज वृक्षों की स्वतंत्र सूची बनाई जाएगी। जैव-विविधता कानून अनुसार, पब्लिक बॉयोडायवर्सिटी रजिस्टार, सीबीआई, एलबीएसएपी तैयार किया जाएगा।
एक साल में प्रत्यक्ष गणना : वृक्ष गणना का प्रत्यक्ष काम एक साल चलेगा। उसके बाद चार साल वृक्षों की देखभाल, जानकारी अद्यतन करने की प्रकिया चलेगी। पांच साल में 6 करोड़ रुपए खर्च अपेक्षित है। पहले दो साल में इस काम पर 60 फीसदी और अंितम 3 साल में 40 फीसदी खर्च होगा।
संपत्ति टैक्स में 1% टैक्स लगाकर भरपाई : संपत्ति टैक्स के 1 फीसदी टैक्स लगाकर वृक्ष गणना पर होनेवाले खर्च की भरपाई की जाएगी। इस माध्यम से प्रति वर्ष 3 करोड़ रुपए जमा होंगे। वृक्ष कर के माध्यम से मनपा के पास 14 करोड़ रुपए जमा है। उस निधि का उपयोग वृक्ष गणना, जतन व संवर्धन पर खर्च किया जाएगा।
शहर में 25 लाख वृक्ष का अनुमान : उद्यान विभाग अधीक्षक अमोल चौरपगार ने बताया कि साल 2011 की वृक्ष गणना में 21 लाख, 43 हजार 838 वृक्ष थे। हुडकेश्वर और नरसाला क्षेत्र का महानगरपालिका क्षेत्र में समावेश होने पर वृक्षों की संख्या बढ़कर 25 लाख पार होने का अनुमान है।
Created On :   3 Feb 2022 1:43 PM IST