नए साल विधान परिषद में दिखाई देंगे 29 नए चेहेरे, अप्रैल से जुलाई तक रिक्त होंगी 26 सीटें

29 new faces will be Seen in the new year of Legislative Council
नए साल विधान परिषद में दिखाई देंगे 29 नए चेहेरे, अप्रैल से जुलाई तक रिक्त होंगी 26 सीटें
नए साल विधान परिषद में दिखाई देंगे 29 नए चेहेरे, अप्रैल से जुलाई तक रिक्त होंगी 26 सीटें

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र विधान परिषद में अगले सात महीने में 29 नए सदस्य नजर आएंगे। विधान परिषद में कुल 78 सीटें हैं। विधान परिषद में अप्रैल, जून और जुलाई 2019 में कुल मिलाकर 26 सीटें रिक्त होनी थीं पर राज्य में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान विधान परिषद के सदस्यों के इस्तीफे के कारण 26 में से 4 सीटें अभी से रिक्त हो चुकी हैं। इसके अलावा ऐसी 3 सीटें और खाली हुई हैं जिनकी अवधि साल 2022 तक खत्म होनी थीं। विधान परिषद में फिलहाल कुल 7 सीटें रिक्त हैं। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय के एक अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में कहा कि यदि विधान परिषद में कोई सीट रिक्त होती है तो उस सीट पर भारत निर्वाचन आयोग एक साल के भीतर उपचुनाव करवाता है। लेकिन विधान परिषद में रिक्त हुई 7 सीटों पर एक साथ चुनाव होना मुश्किल हैं। क्योंकि रिक्त हुई 7 सीटों में से 1 सीट विधानसभा सदस्य के कोटे से भरी जाएगी जिसकी अवधि 24 अप्रैल 2020 को खत्म होने वाली है। 2 सीटें राज्यपाल नियुक्त कोटे की हैं जिनकी अवधि 6 जून 2020 को पूरी हो रही है। जबकि 1 सीट पुणे स्तानक निर्वाचन क्षेत्र की हैं जिसकी अवधि 19 जुलाई 2020 को खत्म हो रही है। अगर इन 4 सीटों पर अभी उपचुनाव कराया जाता है तो नए निर्वाचित सदस्यों को केवल 6 महीने का काम करने का समय मिल सकेगा। इसलिए संभव है कि इन 4 सीटों पर अवधि खत्म होने के समय ही चुनाव हो। अधिकारी ने कहा कि विधानसभा के सदस्यों के कोटे से भरी जाने वाली विधान परिषद की रिक्त हुई एक सीट का कार्यकाल 7 जुलाई 2020 को खत्म हो रहा है। यवतमाल स्थानीय प्राधिकारी सीट की अवधि 5 दिसंबर 2020 तक है जबकि धुलिया तथा नंदूरबार स्थानीय प्राधिकारी सीट की अवधि 1 जनवरी 2022 तक है। इसलिए इन 3 सीटों पर उपचुनाव पहले हो सकता है। इसके बाद बची हुई 4 सीटों पर चुनाव होंगे। 

बदल जाएगी विधान परिषद की तस्वीर 

राज्य में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के गठजोड़ से बनी महाविकास आघाडी सरकार के अस्तित्व में आने के बाद विधान परिषद की तस्वीर बदल गई है। विधान परिषद में विपक्ष के खेमे में अब केवल भाजपा नजर आएगी। 

भाजपा को नहीं मिल सकेगा अहम पद 

साल 2014 के विधानसभा चुनाव में राकांपा और कांग्रेस को मिली हार के बावजूद विधान परिषद में सभपाति और उपसभापति पद विपक्ष के दोनों दलों के बास बरकरार था। सदन में बहुमत विपक्षी दलों के पास था। इस कारण विधान परिषद में विधेयकों को मंजूर कराने में फडणवीस सरकार को काफी मुश्किलें होती थीं। अब भाजपा विपक्ष में है लेकिन पार्टी चाह कर भी विधेयक पारित होने से रोक नहीं पाएगी क्योंकि बहुमत महाराष्ट्र विकास आघाडी के तीनों दलों के पास है।  

विधान परिषद में भाजपा के पास चेहरा नहीं 

विधान परिषद में फिलहाल 22 सीटों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। पर अब शिवसेना के राकांपा और कांग्रेस से हाथ मिलाने के बाद भाजपा को विपक्ष में बैठना पड़ेगा। लेकिन भाजपा के पास विपक्ष के नेता पद की भूमिका निभाने के लिए दमदार व आक्रामक चेहरा नहीं है। इसलिए भाजपा विधान परिषद में विपक्ष के नेता के पद के लिए नए चेहरे की खोज में है। वहीं पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे विधान परिषद में आने के लिए पार्टी पर दबाव बना रही हैं। विधान परिषद में फिलहाल भाजपा के वरिष्ठ सदस्य भाई गिरकर, सुरेश धस, प्रवीण देरकर जैसे नेता हैं लेकिन धस और देरकर दूसरे दल से भाजपा में आए हैं। ऐसे में पार्टी का दोनों पर विश्वास जताना मुश्किल हैं।  

विधान परिषद में वर्तमान दलवार स्थिति 

दल             सीटें 
भाजपा         22
शिवसेना      12
राकांपा        14 
कांग्रेस         13
लोकभारती     1
शेकाप           1
पीआरपी        1
रासपा           1
निर्दलीय        6 
रिक्त            7
कुल            78 
 

Created On :   3 Dec 2019 8:18 PM IST

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