लॉकडाउन के 6 दिनों में वन्यजीवों के हमले में 3 मौत

3 killed in wildlife attack in 6 days of lockdown
लॉकडाउन के 6 दिनों में वन्यजीवों के हमले में 3 मौत
लॉकडाउन के 6 दिनों में वन्यजीवों के हमले में 3 मौत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लॉकडाउन के कारण इंसानों की जंगलों में घुसपैठ बंद हो गई है। जिससे वन्यजीव के मूवमेंट का दायरा बढ़ा है। परिणामस्वरूप वन्यजीव उन इलाकों में भी पहुंच रहे हैं, जहां आमतौर पर उन्हे देखा नहीं गया ।  इंसान व वन्यजीवों में संघर्ष की स्थिति बढ़ गई है। अप्रैल माह की बात करें तो 14 से 19 अप्रैल तक केवल 6 दिन में इंसान व वन्यजीवों की झड़प में विदर्भ में 3 लोगों की मौत हुई है।  बाघ व तेंदुए के हमले में घटना हुई है।

विदर्भ में पेंच, ताडोबा, मेलघाट, सह्याद्री बोर, नवेगांव-नागझिरा वन परिक्षेत्र आता है। जहां आम दिनों में प्रति दिन 100 से ज्यादा टूरिस्ट घूमने-फिरने जाते हैं। जिप्सी में घूमने वाले इन पर्यटकों के कारण हर रोज जंगल में शोर बना रहता है, चहल-पहल रहती है। जिसके कारण वन्यजीव अपना दायरा बनाकर रहते हैं।  कोरोना के कारण 18 मार्च से ही सभी जंगल सफारियां बंद कर दी गई है। जिससे जंगलों में इंसानों की घुसपैठ नहीं हो रही है। केवल वन विभाग के कर्मचारी ही गश्त लगाते हैं। लंबे समय से शोर या चहल-पहल नहीं रहने से अब वन्यजीव अपना दायरा छोड़ बाहर निकल रहे हैं। वह ऐसे इलाकों में भी पहुंच रहे है, जहां इंसानों की उपस्थिति बहुत ज्यादा रहती है। यही कारण है, कि लॉकडाउन के दौरान 14 अप्रैल से अब तक विदर्भ में बाघ व तेंदुए की अटैक से 3 लोगों को जान गंवानी पड़ी है।

वन विभाग के लिए चुनौती
जंगल सफारी बंद होने के बावजूद जंगलों में महुआ चारों तरफ खिला है। रोज कमाकर खानेवालों को महुआ बिनने के लिए जंगल में आना पड़ रहा है। ऐसे में अपनी सीमा तोड़ जंगल के आम आवाजाही रास्ते पर वन्यजीवों के आने से आने वाले समय में इंसान व वन्यजीवों का आमना-सामना बढ़ा सकता है। ऐसी घटनाएं रोकना जंगल विभाग के लिए चुनौती से कम नहीं है।

इस तरह होते रहे हमले  
14 अप्रैल को पारशिवनी से 40 किमी दूर स्थित घाटपेंढरी जंगल में महुआ फूल बिनने गये 56 वर्षीय आनंद सूरज उइके निवासी घाटपेंढरी पर अचानक बाघ ने हमला कर दिया। जिससे उसकी मौत होई ।  दूसरी घटना 18 अप्रैल को मंगेझरी में हुई है। जहां सुबह जंगल में गई एक महिला पर तेंदुए ने हमला कर उसे मार डाला । तीसरी घटना पवनी वनपरिक्षेत्र में सावरला में 19 अप्रैल को हुई । जहां ममता नरेश शेंडे (38) निवासी सावरला पर बाघ ने हमला किया। जिसमें उसकी मौत हो गई। ममता भी अपने गांव से महज ढाई किमी जंगल में जाकर महुआ फूल बिन रही थी। ऐसे में झाड़ियों में छिपे बाघ ने अचानक उस पर हमला कर दिया था।

Created On :   20 April 2020 4:28 PM IST

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