गांवों में 100 पर एक तो शहर में दस छात्रों के लिए तीन शिक्षक, ढाई हजार छात्र एक शिक्षक के भरोसे

3 teachers for 10 students in city, one in 100 in the villages
गांवों में 100 पर एक तो शहर में दस छात्रों के लिए तीन शिक्षक, ढाई हजार छात्र एक शिक्षक के भरोसे
गांवों में 100 पर एक तो शहर में दस छात्रों के लिए तीन शिक्षक, ढाई हजार छात्र एक शिक्षक के भरोसे

डिजिटल डेस्क, कटनी। वोट के लिए लोगों को खुश करने गांव-गांव और मजरा-टोलों में स्कूल तो खोल दिए पर पढ़ाने के लिए शिक्षकों की व्यवस्था आज तक नहीं हो सकी। अधिक दर्ज संख्या वाले स्कूलों में कम दर्ज संख्या वाले स्कूलों से शिक्षकों के स्थानांतरण करने युक्तियुक्तकरण का नियम भी बनाया है। तुष्टिकरण और राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते शासन के ही नियमों का पालन नहीं हो रहा है। यही कारण है कि जिले के कई स्कूल ऐसे हैं जहां 100 से अधिक छात्र दर्ज हैं और उन्हे पढ़ाने के लिए केवल एक शिक्षक है। वहीं ऐसे भी स्कूल हैं,1 जहां छात्रों की संख्या दहाई में भी नहीं है और तीन-तीन शिक्षक पदस्थ हैं। कटनी जिले में 72 प्रायमरी एवं मिडिल स्कूल ऐसे हैं जहां केवल एक शिक्षक है। एक शिक्षकीय शालाओं में पढऩे वाले छात्रों की संख्या ढाई हजार से अधिक है।

108 छात्र और शिक्षक केवल एक
जिले के बड़वारा विकास खंड में 17 स्कूलों में एक शिक्षक है। सुतारी स्कूल में 108 छात्र दर्ज हैं, लेकिन शिक्षक केवल एक ही है। इसी तरह सैलैया खुर्द में 105, गुलुहाटोला में 103, हर्रईटोला में 95, बरहाटोला में 83, रामपुर टोला में 80, आदिवासी मोहल्ला में 75, इमलिया में 70 छात्र हैं। इन स्कूलों में भी एक-एक शिक्षक पदस्थ है। ढीमरखेड़ा ब्ला के देवगवां में 80, पकरिया में 53, छहेर में 53, कटनी विकासखंड के लालपुर में 86, जतवारा में 48, जोबाकला में 45, भटियाटोला में 34, रीठी ब्लाक के आदिवासी घुघरा में 68, बंडहा में 56, विजयराघवगढ़ ब्लाक के चपना में 55, दीची में 53, डबौरी में 49 छात्र दर्ज हैं। इन एक शिक्षकीय शालाओं में कुछ ऐसी भी हैं जहां 40 से कम छात्र दर्ज हैं। ऐसे स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति भी नहीं हो सकती है।

औचित्यहीन हो गए स्कूल
राजनीतिक लाभ के लिए ऐसे स्थानों में भी स्कूल खोल दिए गए, जहां छात्रों की संख्या दहाई में भी नहीं पहुंच रही है। ऐसे स्कूलों के लिए हर साल चलने वाला स्कूल चले हम अभियान भी बेमानी साबित हो रहा है। जानकारी के अनुसार बड़वारा के धीरपुर में 12, बहोरीबंद के जरुआखेड़ा एवं किवलारी निपनिया में 18-18 छात्र हैं। नवाटोला में 14, देवरीनगर में 13 छात्र हैं। ढीमरखेड़ा ब्लाक के नवलिया में 13, कोकोडबरा में 9, सुंदरपुर में पांच, कटनी ब्लाक के हरी स्टोन में 16 और चनेहटी में मात्र नौ छात्र हैं। रीठी ब्लाक के मढिय़ाटोला देवरी में 16, रानीपुर मेंं 11, विजयराघवगढ़ ब्लाक के कैलाशनगर में 16 और नाथूराम तालाब स्कूल में 12 छात्र दर्ज हैं।

शहरी स्कूलों में शिक्षकों की भरमार
शहरी क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की भरमार है। आलम यह है कि 10-12 छात्रों के लिए भी दो-दो शिक्षक पदस्थ हैं। कटनी अर्बन एरिया के अमकुई में 29, छपरवाह में 22 छात्र हैं और यहां दो-दो शिक्षक हैं। प्राथमिक शाला मंगलनगर में 10 और उर्दू शाला में 12 छात्रों पर दो-दो शिक्षक पदस्थ हैं। प्राथमिक शाला सावरकर वार्ड में 32 छात्र व तीन शिक्षक, अम्बेडकर वार्ड में 20 छात्रों पर दो शिक्षक, रीठी के कुडहा में 13 छात्रों पर दो शिक्षक पदस्थ हैं। 

प्राथमिक शाला छपरवाह में में कुल 22 बच्चे दर्ज हैं और यहां पर तीन शिक्षक पदस्थ हैं। माध्यमिक शाला छपरवाह में मात्र 19 बच्चे और उन्हे पढ़ाने के लिए दो शिक्षक पदस्थ हैं। यह दर्ज संख्या भी संदेह के घेरे में है क्योंकि उपस्थित उतनी भी नहीं रहती है। बताया जाता है कि तबादले की तलवार से बचने के लिए शिक्षक ऐसे छात्रों के भी नाम दर्ज कर लेते हैं जो कभी स्कूल आते ही नहीं हैं। या फिर उन्होने किसी अन्य स्कूल में एडमीशन ले लिया होता है।

इनका कहना है
सभी बीआरसी से शालावार दर्ज संख्या की जानकारी मांगी गई है। 20 कम छात्र वाले स्कूलों का युक्तियुक्तकरण किया जाना है और उन्हें आसपास के स्कूल में मर्ज किया जाएगा। पिछले साल ऐसे 45 स्कूल बंद किए गए थे। शिक्षकों के भी युक्तियुक्तकरण का प्रावधान है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे।
एनपी दुबे, प्रभारी डीपीसी कटनी

Created On :   25 Aug 2018 1:18 PM IST

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