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30 करोड़ खर्च, 229 में से 90 किलोमीटर में ही बिछ पाई सीवर लाइन
96 करोड़ की योजना बनी नासूर, ठेका कंपनी एवं नगर निगम के इंजीनियरों की लापरवाही का दंश भुगत रहे लोग
डिजिटल डेस्क कटनी । स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में देश में 24 वीं रैंकिंग हासिल करने वाले कटनी शहर में डे्रनेज सिस्टम नगर निगम प्रशासन के लिए भी चुनौती बना है। शहर में बिछाई जा रही सीवरेज लाइन ने सड़कों का सत्यानाश कर दिया। दो साल में महज 229 किलोमीटर में से 90 किलोमीटर लाइन ही बिछाई जा सकी है। 96 करोड़ 50 लाख रुपये की लागत से सीवर लाइन का काम 2018 में शुरू हुआ था और मार्च 2020 में पूरा होना था। 30 माह बाद भी आधे हिस्से में भी सीवर लाइन नहीं बिछ पाई है। खास बात यह है कि सीवर लाइन का काम करने वाली एजेंसी को अब तक 30 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान भी हो चुका है।
बारिश में बड़ी मुसीबतें
शहर में सीवर लाइन का काम करने वाली के.के.स्पन इंडिया प्रा.लि.कंपनी पर नगर निगम के तकनीकी अमले का नियंत्रण नहीं होने से इसका खामियाजा शहर के लोग भुगत रहे हैं। जिन स्थानों में सीवर लाइन बिछाई जा चुकी है वहां सड़कों को मोटरेबल नहीं करने से लोगों का चलना मुश्किल हो रहा है। जरा सी बारिश में सड़कें कीचड़ से सन जाती हैं। हालत यह होती है कि दोपहिया वाहनों का निकलना भी मुश्किल होता है। बीते सप्ताह हुई बारिश में वार्ड नंबर एक सरलानगर में सीवर लाइन के कारण कीचड़ के कारण सड़क ही गायब हो गई। यहां लोग घरों से निकलने में भी डर रहे हैं। कहीं ट्रक धंसने तो कहीं चारपहिया, दो पहिया वाहन फंसने की अब तक दर्जनों घटनाएं हो चुकी हैं।
ऑफिस में बैठकर मॉनीटरिंग
सीवर लाइन में नगर निगम के जिम्मेदारों की सबसे बड़ी गफलत सामने आई है। ठेका कंपनी की लापरवाही पर कंट्रोल करने एवं समय सीमा में काम कराने में नगर निगम का तकनीकी अमला पूरी तरह फेल रहा। बताया जाता है कि जिम्मेदार अधिकारी आफिस में बैठकर मॉनीटरिंग करते रहे और फील्ड में जाने की आवश्यकता नहीं समझी। ऐसी लापरवाही के चलते पीडब्ल्यूडी कॉलोनी में महीनों काम लटका रहा। यहां नगर निगम के कर्ताधर्ताओं ने पीडब्ल्यूडी से एनओसी के बिना ही काम शुरू करा दिया था। जिससे ठेका कंपनी को विरोध का सामना करना पड़ा था
एसटीपी में फंसे पेंच
तीन सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनने है। इन तीनों एसटीपी प्लांट का काम लटका है। कहीं जमीनी विवाद तो कहीं एप्रोच रोड की समस्या के चलते एसटीपी का काम शुरू नहीं हो पाया। इनमें कटायेघाट रोड में 6 एमएलडी क्षमता का सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनना है। इंडस्ट्रियल एरिया दुगाड़ी नाला के पास निर्माण शुरु हुआ है वह भी मंथर गति से चल रहा है। यहां भी उद्योग विभाग की जमीन एलाट कर दी गई। दूसरा माधवनगर व तीसरा कुठला ट्रांसपोर्ट नगर के पहले बनने है। इन दोनों स्थानों से नगर निगम अतिक्रमण नहीं हटा पाया है। जबकि सीवर लाइन बिछने के पहले एसटीपी का निर्माण पूरा करना है।
इनका कहना है
अमृत योजना के तहत 229 किलोमीटर सीवर लाइन बिछाई जाना है, इस योजना में अब तक 90 किलोमीटर में ही सीवर लाइन बिछाई गई है। शुक्रवार से माधवनगर
एवं कटाएघाट के समीप एसटीपी का कार्य शुरू कराया है।
- अश्वनी पांडेय, उपयंत्री
Created On :   5 Sept 2020 6:44 PM IST