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किसान कर्जमाफी के लिए खर्च होंगे 30 हजार करोड़ रुपए, अब बनेंगे नए नियम
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य में किसानों की कर्जमाफी के लिए सरकार को 30 हजार करोड़ से अधिक की निधि की आवश्यकता होगी। निधि के प्रावधान के लिए सरकार कई उपाययोजनाओं पर विचार कर रही है। राज्य विधानमंडल के बजट अधिवेशन में किसान कर्जमाफी के लिए 25 हजार करोड का प्रावधान किया जा सकता है। राज्य सरकार की किसान कर्जमुक्ति योजना तैयार करनेवाली टीम में शामिल रहे उच्च स्तरीय सूत्र की मानें तो कृषि ऋण के मामले में वित्तीय संस्थाओं पर नियंत्रण के लिए कानून में संशोधन किया जाएगा। नए नियम बनेंगे। बजट सत्र किसानों के लिए समर्पित रहेगा। गौरतलब है कि विधानमंडल के शीतकालीन अधिवेशन में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने किसानों के लिए कर्जमाफी की घोषणा की है।
2015 तक के किसानों के 2 लाख तक के कर्ज माफ किए जाएंगे। राज्य में लंबे समय से कर्जमाफी की मांग की जाती रही है। बीते 7 से 8 वर्ष में सूखा, अतिवृष्टि जैसी आपदाएं आती रही है। लिहाजा किसान आत्महत्या की घटनाएं बढ़ रही है। कांग्रेस व राकांपा के नेतृत्व की सरकार के समय 2008 में किसानों के कर्ज माफ किए गए थे। उसके बाद 2017 में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व कीसरकार ने कर्जमाफी की घोषणा की। फडणवीस के कार्यकाल में किसानों की कर्जमाफी को लेकर सवाल उठते रहे। किसानों व राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं का कहना था कि सरकार ने कर्जमाफी की घोषणा तो की है लेकिन इतनी शर्तें रख दी है कि किसान कर्जमाफी का लाभ नहीं ले पा रहे हैं।
विधानसभा चुनाव में भी यह मुद्दा चर्चा में था। हालांकि फडणवीस सरकार ने 44 लाख किसानों को कर्जमाफी के तहत 18,891 करोड़ रुपए दिए। कृषि संसाधन उपाय, चारा शेड, कृषि पंप , बिजली में रियायत के माध्यम से भी किसानों को करोडों की सहायता दी गई। आरोप लगता रहा कि इन उपायोजनाओं का अधिक लाभ भी बड़े किसान ही ले पाए। फिलहाल किसानों की कर्जमाफी के लिए राज्य सरकार को फडणवीस सरकार के समय की 6 हजार करोड की निधि सहायक होगी।
फडणवीस सरकार ने किसान कर्जमाफी के लिए जो निधि का प्रावधान किया था उसमें से 6 हजार करोड की निधि शेष है। फडणवीस सरकार के समय महाराष्ट्र शेतकरी मिशन के संयोजक रहे किशोर तिवारी फिलहाल शिवसेना के कृषि मामलों के सलाहकार है। कर्जमाफी का योजना प्रारुप तैयार करने के पहले उनसे भी सरकार ने सुझाव लिए है। तिवारी कहते हैं कि इस बार किसानों को कर्जमाफी का सही लाभ मिलेगा। कर्जमाफी की घोषणा के बाद से ही किसानों के आधार कार्ड, बैंक खातों के लिंक लिए जा रहे है। 3 माह तक किसानों को सहायता की नीति पर काम होगा। वित्तीय संस्थाओं पर निश्चित ही नियंत्रण होगा।
निधि की कमी नहीं
वित्तमंत्री जयंत पाटील के मुतंबिक कर्जमाफी के लिए निधि की कमी नहीं होगी। विपक्ष भी मानता है कि राज्य की आर्थिक स्थिति अच्छी हैं। वित्तीय विशेषज्ञों से सुझाव लिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे वचन के पक्के हैं। निर्धारित समय के बाद किसान कर्जमुक्त होने लगेंगे।
Created On :   23 Dec 2019 7:12 PM IST