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जीसीएफ की 350 एकड़ भूमि दर्ज होगी रक्षा मंत्रालय के नाम
तहसीलदार सहित अन्य अधिकारी भी पहुँचे मौके पर जाँच-पड़ताल शुरू
डिजिटल डेस्क जबलपुर । शहर की आयुध निर्माणी फैक्ट्रियों की रिक्त पड़ी भूमि रक्षा मंत्रालय के नाम दर्ज होने को लेकर प्रशासनिक स्तर पर भी तैयारियाँ शुरू हो गई हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को जीसीएफ की लगभग 350 एकड़ भूमि की नाप-जोख और जमीन का पता लगाने के लिए राजस्व विभाग का अमला एवं फैक्ट्री प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुँचे। अभी यह जमीन सेना भवन के नाम पर दर्ज है। तहसीलदार एसएन चंदेले ने बताया कि फैक्ट्री प्रशासन द्वारा जिला प्रशासन को पत्र लिखा गया था, जिसमें जमीन की नपाई आदि की बात कही गई थी। इसी को लेकर राजस्व विभाग के अधिकारी, पटवारी और जीसीएफ के अधिकारी नेहरा कंपनी के पीछे एवं सीओडी के आसपास के क्षेत्रों में पहुँचे थे। गुरुवार को प्रारंभिक रूप से जमीन को देखा गया कि यहाँ कितनी भूमि खाली है और िकतने पर अवैध कब्जे हो गए हैं। इनके अलावा फैक्ट्री प्रशासन के कौन-कौन से खसरे हैं। इसकी संपूर्ण जानकारी एकत्रित की जा रही है। मौके पर अधिकारी जमीन का नक्शा भी साथ लेकर गए हुए थे। वहीं पता चला है कि रक्षा मंत्रालय ने विभिन्न आयुध निर्माणियों को पत्र भेजकर कहा था कि जल्द ही जमीन की नाप-जोख करवाई जाए। जिससे कि समय-सीमा में यह रक्षा मंत्रालय के नाम पर दर्ज हो सके। वहीं सूत्रों का कहना है कि जिन क्षेत्रों में ये भूमि स्थित है वो करोड़ों की है। पता चला है कि रक्षा मंत्रालय खाली पड़ी जमीन को 2 वर्गों में पहचान करने पर विचार कर रहा है। पहला ए-टू और दूसरा बी-फोर श्रेणी है। क्लास ए-टू भूमि वह है जिसका सैन्य अधिकारियों द्वारा उपयोग या कब्जा नहीं किया जाता, बल्कि अस्थायी रूप से उपयोग में यह लाई जाती है। वहीं बी-फोर भूमि वह है जो कि किसी अन्य वर्ग की भूमि में शामिल है।
इनका कहना है
प्रशासनिक स्तर पर जीसीएफ की लगभग 350 एकड़ भूमि किन खसरों में दर्ज है। उसका पता लगाया जा रहा है। इसके साथ ही जो जमीन रिक्त पड़ी है उसकी भी नाप जोख शुरू कर दी गई है।
एसएन चंदेले तहसीलदार, ओमती
Created On :   9 July 2021 4:58 PM IST