जंगलों में बनाए गए 350 कृत्रिम जलस्रोत, पानी भरने की कवायद

350 artificial water sources created in forests for wildlife
जंगलों में बनाए गए 350 कृत्रिम जलस्रोत, पानी भरने की कवायद
जंगलों में बनाए गए 350 कृत्रिम जलस्रोत, पानी भरने की कवायद

डिजिटल डेस्क, नागपुर। धूप ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। भीषण गर्मी से मानव ही नहीं वन्यजीव भी हलाकान होते दिख रहे हैं। जंगलों के अधिकांश नैसर्गिक जलस्रोत सूखने की कगार पर हैं। ऐसे में वन्यजीवों को पानी की कमी न हो, इस उद्देश्य से वन विभाग की ओर से कृत्रिम जलस्रोत व इन जलस्रोतों में पानी छोड़ने का काम शुरू किया गया है। मई के आखिर तक केवल बड़े नैसर्गिक जलस्रोत में ही पानी रहेगा। ऐसे में कृत्रिम जलस्रोत ही वन्यजीवों के लिए वरदान साबित होंगे। 

उल्लेखनीय है कि वन अंतर्गत वन विभाग की ऐसी जमीन शामिल होती है, जो घना जंगल व जहां बहुत ज्यादा संख्या में वन्यजीव होते हैं। बाकी मौसम में भले ही वन्यजीव को प्राकृतिक जलस्रोत से पानी मिल जाता है, लेकिन फरवरी माह से इन स्रोतों का पानी खत्म होने लगता है। आंकड़ों के अनुसार विदर्भ के पेंच व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत बोर व्याघ्र प्रकल्प, उमरेड-पवनी-करांडला अभयारण्य, टिपेश्वर अभयारण्य, पैनगंगा अभयारण्य में  50 से अधिक नैसर्गिक जलस्रोत गर्मी के दिनों में सूख जाते हैं। जिससे वन्यजीवों को पानी मिलना मुश्किल हो जाता है। भीषण गर्मी में पड़ने वाले जलसंकट से निपटने के लिए वन विभाग ने सारी तैयारियां कर ली है, जिसमें कुल 350 कृत्रिम जलस्रोत को विभिन्न तरीकों से मेंटेंन किया जा रहा है।

मई में स्थिति और भी विकट हो जाती है। बड़े नैसर्गिक जलस्रोत का पानी भले ही आखिर तक थोड़ा बहुत रहता है, लेकिन छोटे नैसर्गिक स्रोत का पानी टिक नहीं पाता है। ऐसे में वन्यजीव को पानी की कमी महसूस होती है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए वन विभाग की ओर से जरूरी जगहों पर वॉटर होल बनाए गए हैं। जरूरत के अनुसार छोटे-बड़े वॉटर होल वन्यजीवों के लिए मुख्य जलस्रोत साबित होते हैं। अधिकृत आंकड़ों के अनुसार कुल 179 नैसर्गिक जलस्रोत विदर्भ के जंगल क्षेत्र में बने हुए हैं। जिसमें 76 नैसर्गिक स्रोत में पानी उपलब्ध रहता है। बचे 103 जलस्रोत में बढ़ती गर्मी के अनुसार पानी सूखते जाता है। देखा गया है, कि मई के आखिर तक 50 से ज्यादा जलस्रोत सूख जाते हैं। ऐसे में कृत्रिम जलस्रोत ही उनके काम आते हैं।  

350 कृत्रिम जलस्रोत  
कृत्रिम वॉटर होल की संख्या 350 है। जिसमें 123 पर सोलर पंप के माध्यम से जलापूर्ति होती है। 19 पर हैंडपंप के माध्यम से बचे 198 में 61 पर सरकारी टैंकर व 137 वॉटर होल पर 7 निजी टैंकर के माध्यम से जलापूर्ति की जा रही है।

Created On :   9 April 2019 10:32 AM GMT

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