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129 हॉस्पिटलों की जाँच करेंगे 43 डॉक्टर, 2 दिन में देंगे रिपोर्ट
डिजिटल डेस्क जबलपुर। न्यू लाइफ मल्टी स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में हुई दर्दनाक घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग का अमला अब हरकत में आया है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा 43 चिकित्सकों को 129 निजी हॉस्पिटल नर्सिंग होम्स तय िकये गये नाम्र्स के अनुसार संचालित हो रहे हैं कि नहीं यह चैक करने निर्देश दिया गया है। एक चिकित्सक पर 3 अस्पतालों की जाँच करने की िजम्मेदारी सौंपी गई है। चिकित्सक निजी हॉस्पिटल में बिल्डिंग कम्पलीशन, नगर निगम से प्राप्त परमानेंट फायर एनओसी, मध्य प्रदेश प्रदूषण बोर्ड से प्राप्त एनओसी, दमकल वाहन निकलने की जगह, अस्पताल के भवन संबंधी समस्त दस्तावेज, अग्निशमन संबंधित व्यवस्थाएँ देखेंगे। विशेष बात यह है कि औचक निरीक्षण करने के बाद दो दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को सौंपेंगे।
हॉस्पिटल का लाइसेंस हुआ निरस्त -
सीएमएचओ ने मंगलवार को न्यू लाइफ मल्टी स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल का लाइसेंस निरस्त कर दिया। बताया जाता है िक इस हॉस्पिटल का स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अगस्त 2021 में भी निरीक्षण िकया था, उस समय अस्थाई फायर एनओसी हॉस्पिटल प्रबंधन ने दिखाई थी इसलिए आगे इसको संचालित होने दिया गया था।
52 हॉस्पिटलों में नए मरीजों की भर्ती पर रोक
शहर में 52 ऐसे निजी हॉस्पिटल हैं जिनमें घटना के बाद कमियों के चलते नये मरीजों को भर्ती करने पर रोक लगा दी गई है। इन अस्पताल प्रबंधनों को सीएमएचओ जबलपुर ने निर्देश दिया है िक हॉस्पिटल नाम्र्स के अनुसार जब तक तय िकये गये मापदण्डों के अनुसार दस्तावेज प्रस्तुत नहीं िकये जाते हैं किसी भी नये मरीज को हॉस्पिटल में नहीं लिया जा सकता है। पूर्व में भर्ती मरीज यदि स्वस्थ हो गया है तो तुरंत डिस्चार्ज कर दें। पीडि़त स्वस्थ नहीं हो सका है तो अधिकृत अस्पताल, मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट कर दिया जाए। यदि आदेश नहीं माना जाता है तो हॉस्पिटल का पंजीयन तुरंत निरस्त कर दिया जाएगा।
ये प्रमुख कमियाँ हॉस्पिटल में -
-नगर निगम से जारी बिल्डिंग कम्पलीशन का प्रमाण पत्र नहीं
-नगर निगम से परमानेंट फायर एनओसी नहीं
-मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जारी प्रमाण पत्र नहीं
- आवेदन करते समय रेट लिस्ट पोर्टल पर अपलोड नहीं की
जाँच करने के लिए घटना स्थल पर पहुँचेे अधिकारी -
कमिश्नर बी. चंद्रशेखर मंगलवार को न्यू लाइफ मल्टी स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल की अग्नि दुर्घटना जाँच करने पहुँचे। इस दौरान कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी, नगर निगम कमिश्नर आशीष वशिष्ठ, संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवायें डॉ. संजय मिश्रा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। अग्नि दुर्घटना के कारणों सहित अन्य विभिन्न पहलुओं पर जाँच टीम करेगी।
सीसीटीवी फुटेज देखे पर स्पष्ट नहीं -
टीम के सदस्यों ने घटना स्थल पर पहुँचकर सीसीटीवी फुटेज देखे। इन फुटेज के देखने में प्रारंभिक रूप से कुछ स्पष्ट नहीं हो सका है। ज्वॉइंट डायरेक्टर हेल्थ डॉ. संजय मिश्रा के अनुसार पड़ोसी बैंक कर्मियों और जो करीब ही दुकान है उसके संचालक और कर्मियों से भी चर्चा की गई है। पूरी जाँच के बाद ही कारणों का पता चल सकता है।
न्यू लाइफ सहित 17 और ऐसे हॉस्पिटल जिनके पास फायर एनओसी नहीं -
न्यू लाइफ मल्टी स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल जहाँ हादसा हुआ है उसके पास फायर की एनओसी ही नहीं थी। मार्च 2021 में हॉस्पिटल प्रबंधन ने अस्थाई एनओसी ली। इसके बाद नियम के अनुसार मार्च 2022 में प्रबंधन को स्थाई फायर एनओसी लेना थी। फायर ब्रिगेड अमले ने जाँच कर स्वास्थ्य विभाग को इस कमी से अवगत कराया था। इस तरह बगैर फायर एनओसी के हॉस्पिटल संचालित हो रहा था। शहर में हादसे वाले हॉस्पिटल के अलावा बताया जाता है 17 और ऐसे निजी हॉस्पिटल हैं जिनके पास फायर की एनओसी नहीं है।
Created On :   2 Aug 2022 11:01 PM IST