90 में से 45 बांधों की अभी भी नहीं बुझी प्यास - डेढ़ माह की बची बारिश से उम्मीद

45 dams out of 90 still not thirsty - one and half months expected rain
90 में से 45 बांधों की अभी भी नहीं बुझी प्यास - डेढ़ माह की बची बारिश से उम्मीद
90 में से 45 बांधों की अभी भी नहीं बुझी प्यास - डेढ़ माह की बची बारिश से उम्मीद

डिजिटल डेस्क कटनी । बंगाल की खाड़ी से चक्रवाती बारिश पर किसानों के साथ जलसंसाधन विभाग भी उम्मीद लगाए हुए है। दरअसल मानसून सीजन की ढाई माह बारिश से भी 90 में से 45 जलाशय ऐसे हैं। जिनकी तो ठीक तरह से प्यास भी नहीं बुझी है। 37 बांधों में इतना ही पानी का भराव हुआ है कि उससे मवेशियों की प्यास बुझ सकती है। 7 डेम ही ऐसे हैं, जिसमें पानी का भराव ठीक है। मानसून सीजन का अभी डेढ़ माह बचा हुआ है। इस स्थिति में सिंचाई विभाग बारिश से आश लगाया हुआ है।
अफसर भी मान रहे हैं कि यदि आगामी समय में बारिश नहीं हुई तो खरीफ के साथ रबी फसलों की भी सिंचाई नहीं हो पाएगी। हालांकि अधिकारियों ने पिछले अनुभव के आधार पर बताया कि अगस्त और सितम्बर माह की बारिश से ही अभी तक बांध भरते आ रहे हैं। इस बार भी इसी तरह की आश है।
इन बांधो की स्थिति ठीक
जिले में गिने-चुने बांध ही ऐसे हैं। जहां पर पानी का भराव दूर से देखा जा सकता है। पटौहा जलाशय में क्षमता के विरुद्ध 44 प्रतिशत हिस्से में पानी का भराव है। इसी तरह से खितौली जलाशय में 75 प्रतिशत, घंघरी जलाशय में 66, सिमरार में 37, अहिरगंवा और चिखला में 33-33, रामपाटन में 28 प्रतिशत, देवसरी में 22 प्रतिशत पानी का भराव हो चुका है। यहां पर बांधों की प्यास पूरी तरह से बुझ चुकी है। विभाग के अफसर कह रहे हैं कि आगामी बारिश में बांधों की स्थिति और बेहतर होगी।
यहां पर किसानों को निराशा
पचास फीसदी बांधों में पानी नहीं देखकर किसानों में निराशा है। खासतौर पर खरीफ के सीजन में तो किसी तरह से काम चल जाएगा, लेकिन रबी सीजन के लिए अभी से संकट के बादल मंडराने लगे हैं। जिसमें अधिकांश बांधों में सीपेज और स्ट्रक्चर में तकनीकी खामी है। इस बार मार्च माह से कोरोना संक्रमण काल लग गया। जिसके चलते समय पर बांधों का मरम्मत नहीं हुआ और आगामी समय में किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा।  खासतौर पर वे बांध, जहां पर सीपेज है। बरसात के बाद भी बांध खाली रह जाएंगे।
30 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य
सिंचाई विभाग कई बांधों को रबी की फसल के लिए सुरक्षित रखता है। चालू खरीफ सीजन में 10 हजार हेक्टेयर में सिंचाई का लक्ष्य रखा गया है। रबी के लिए करीब 20 हजार हेक्टेयर का अनुमानित लक्ष्य है, लेकिन जिस तरह से बांधों की स्थिति वर्तमान समय में है। उसे देखने के बाद किसान भी यह कह रहे हैं कि आगामी समय में रबी सीजन में उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
इनका कहना है
वर्तमान समय में करीब पचास फीसदी बांध ऐसे हैं। जहां पर जलभराव की स्थिति ठीक नहीं है। अगस्त और सितम्बर माह बचा हुआ है। पिछले दो दिन से बारिश हो रही है। जिससे विभाग को उम्मीद है कि मानसून के अंतिम माह में पानी का भराव बांधों में होगा।
-आर.के.खुराना, ईई जलसंसाधन विभाग
 

Created On :   14 Aug 2020 6:22 PM IST

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