जमीन के लाभ से वंचित रखने के लिए सरकार पर लगा 5 लाख का जुर्माना

5 lakh fine imposed on government for depriving benefits of land
जमीन के लाभ से वंचित रखने के लिए सरकार पर लगा 5 लाख का जुर्माना
जमीन के लाभ से वंचित रखने के लिए सरकार पर लगा 5 लाख का जुर्माना

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कोयना बांध व कोयना पावर प्रोजेक्ट के लिए 59 साल पहले ली गई खेती की जमीन के बदले अब तक सात याचिकाकर्ताओं को  प्रतिपूर्ति के रुप में दूसरी जमीन न देने के लिए राज्य सरकार पर पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही  कोर्ट ने सरकार को आठ सप्ताह के भीतर जमीन आवंटित करने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नांदराजोग व न्यायमूर्ति भारती डागरे की खंडपीठ ने यह निर्देश किसन कदम व अन्य लोगों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। याचिका के मुताबिक कोयना बांध व कोयना पावर प्रोजेक्ट के लिए सतारा जिले की जवाली तहसील की 6.387 हेक्टर कृषि भूमि अधिग्रहण की गई थी। संयुक्त मालिकाना हक वाली इस जमीन के सात हिस्सेदार थे। प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण के बाद सरकार ने जमीन मालिकों को मुआवाजे के रुप में पैसे व 1.60 हेक्टर जमीन देने का आश्वासन भी दिया। इस संबंध में बकायदा आदेश भी जारी किया गया था। कुछ समय बाद याचिकाकर्ता कदम को 1.60 हेक्टर की बजाय सिर्फ 0.49.5 हेक्टर जमीन रायगढ में आवंटित की गई। काफी समय तक जब याचिकार्ताओं को शेष 1.10.5 हेक्टर जमीन नहीं दी गई तो उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान रायगढ के उप जिलाधिकारी (पुनर्वसन) ने खंडपीठ को सूचित किया हमने याचिकाकर्ताओं को जमीन देने के संबंध में जारी आदेश की प्रति पेश करने को कहा था लेकिन उन्होंने आदेश की प्रति नहीं पेश की। इसके साथ ही याचिकाकर्ता के दावे के बारे में हमे अधूरी रिपोर्ट मिली है। सरकारी अधिकारी के इस जवाब से अप्रसनन्न खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में सरकारी अधिकारियों का रुख टालमटोल वाला नजर आ रहा है। यदि याचिकाकर्ताओं को प्रतिपूर्ति के रुप में दी गई जमीन का कुछ हिस्सा आवंटित किया गया तो इसका मतलब सरकारी अधिकारियों के पास इस मामले से जुड़े आदेश की प्रति उपलब्ध है। यदि याचिकार्ता के दावे को लेकर अधूरी रिपोर्ट मिली है तो संबंधित अधिकारी पूरी रिपोर्ट मंगाए। खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में याचिकार्ता अपने जमीन के लाभ से 59 साल से वंचित है। इसलिए हम सरकार पर पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाते है। और सरकार को आठ सप्ताह के भीतर जमीन आवंटित करने का निर्देश देते है। जुर्माने की रकम याचिकाकर्ताओं को दी जाए। जो आपस में समान रुप से इसे लेगे। 

 

आदेश की अवहेलना लिए मुंबई महानगरपालिका के तीन अधिकारियों पर एक –एक लाख रुपए का जुर्माना

बांबे हाईकोर्ट ने न्यायालय  के आदेश की अवहेलना लिए मुंबई महानगरपालिका के तीन अधिकारियों पर एक –एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने साल 2017 में मनपा को  महानगर के सायन-कोलिवाडा इलाके में एक ढांचे को गिराने का आदेश दिया था लेकिन ढांचे को पूरी तरह से न गिराए जाने से नाराज कोर्ट ने मनपा अधिकारियों को एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया। न्यायमूर्ति एसजे काथावाला व न्यायमूर्ति बीपी कुलाबावाला की खंडपीठ ने एक याचिका पर सुनवाई के बाद यह जुर्माना लगाया। खंडपीठ ने जुर्माने की रकम टाटा मेमोरियल अस्पताल में जमा करने का निर्देश दिया है। याचिका में दावा किया गया था कि मनपा अधिकारियों ने इमारते के उपरी हिस्से को तो गिरा दिया है लेकिन ग्राउंड फ्लोर पर लोग अभी भी अपनी दुकाने चला रहे है। यह मनपा अधिकारियों के संरक्षण में चल रहा है। जबकि कोर्ट ने साल 2017 में ढांचे को गिराने के संबंध में आदेश जारी किया था। इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने मनपा कर्मचारियों पर जुर्माना लगाया और इमारत के ग्राउंड फ्लोर के ढांचे को गिराने का आदेश दिया। 

Created On :   16 Dec 2019 7:06 PM IST

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