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हर दिन करीब 500 मरीज आ रहे अस्पतालों में, 50 फीसदी युवा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकारी व निजी अस्पतालों में जांच के लिए आने वाले मरीजों में 15 से 20 फीसदी हाइपरटेंशन से परेशान देखे जा रहे हैं। बड़ी बात यह कि इनमें से आधे मरीज युवा वर्ग के हैं और गंभीर बात यह है कि इन मरीजों में से अाधे लोगों को जानकारी तक नहीं होती है कि वे हाइपरटेंशन का शिकार हो चुके हैं। जब ये लोग जांच के लिए आते हैं, तब उन्हें बीमारी के बारे में पता चलता है। शहर में इस बीमारी के रोज कितने मरीज आते हैं, इस बारे में निश्चित आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, लेकिन एक अनुमान के अनुसार सरकारी व निजी अस्पतालों में मिलकर हर दिन 500 से अधिक ऐसे नए मरीज आते हैं।
संख्या बता पाना संभव नहीं
इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए व्यायाम, योगाभ्यास, मॉर्निंग वॉक, तनाव मुक्त दिनचर्या आवश्यक है, लेकिन अधिकतर युवाओं को इसमें रुचि नहीं होने से बीमारियां हो रही हैं। कोरोनाकाल के दौरान कई घटनाएं हो चुकी हैं। किसी ने अपनों को खोया, तो किसी का रोजगार गया है। ऐसे में संबंधित परिवार का कोई न कोई सदस्य तनावग्रस्त रहा है। वह हाइपरटेंशन होने के बावजूद उपचार कराने नहीं गया, जिससे उसकी बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती जाती है। अस्पतालों में आने वालों के अलावा उतने ही लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें बीपी होता है, मगर सामने नहीं आते। इसलिए बीपी के मरीजों की संख्या बता पाना संभव नहीं होता।
इन लक्षणों से सावधान रहें
सिरदर्द, सिर घूमना, सीने में तेज दर्द, चक्कर आना, बेचैनी, धुंधला दिखना और नाक से खून निकलना ये सब हाई ब्लडप्रेशर के लक्षण हो सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसी समस्याओं की जांच करने के बाद ही हाई ब्लडप्रेशर का पता चलता है। ब्लडप्रेशर बढ़ने के अनेक कारण हैं। युवाओं की बदलती लाइफ स्टाइल, स्ट्रेस, थकान, स्पर्धात्मक जीवन, शरीर का असक्रिय होना, धूम्रपान, शराब का सेवन आदि के कारण बीपी बढ़ जाता है। इन कारणों से युवाओं में बीपी की बीमारी फैलने लगी है। इस बीमारी के बढ़ने से हार्टअटैक, किडनी व ब्रेन स्ट्रोक की भी आशंका बनी रहती है।
अन्य बीमारियों का भी खतरा
हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) एक खतरनाक बीमारी है। दरअसल, यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव काफी बढ़ जाता है और इसके कारण रक्त की धमनियों में रक्त का प्रवाह बनाए रखने के लिए हृदय को सामान्य से अधिक काम करने की जरूरत पड़ती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा पड़ने की बड़ी वजह हाइपरटेंशन ही होती है। इसके अलावा इससे मस्तिष्क, किडनी और अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है। यही वजह है कि हाइपरटेंशन को ‘साइलेंट किलर" भी कहा जाता है।
नियमित जांच से नियंत्रण संभव
डॉ. समीर गोलावार, सहयोगी प्राध्यापक, मेडिकल के मुताबिक हाइपरटेंशन कई कारणों से होता है। यह बीमारी उम्र देखकर नहीं आती। बदलती लाइफ स्टाइल, स्पर्धात्मक दौर से लेकर अन्य दूसरे कारणों से यह बीमारी घेर लेती है। इसे नियंत्रित रखने के लिए नियमित जांच करना जरूरी है। उचित खानपान, व्यायाम व डॉक्टरों की सलाह व उपचार से इस बीमारी को नियंत्रण में रखा जा सकता है।
Created On :   8 Nov 2021 5:48 PM IST