- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- अनाथ बच्चों के 78 मामलों में 52 को...
अनाथ बच्चों के 78 मामलों में 52 को मिला लाभ
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना से माता-पिता दोनों खो चुके बच्चों के लिए सरकार की तरफ से लाई गई अर्थ सहाय योजना अभी तक नागपुर जिले में कारगर साबित नहीं हुई है। महिला व बाल विकास विभाग के पास अनाथ बच्चों के केवल 78 मामले ही पहुंचे हैं। इसमें से भी केवल 52 बच्चों को ही योजना का लाभ मिला है। योजना के तहत अनाथ बच्चे के खाते में सरकार की तरफ से 5 लाख रुपए जमा किए जाते हैं।
हर माह 1100 रुपए दिए जाते हैं
कोरोना से माता-पिता दोनों खो चुके बच्चों के लिए महिला व बाल विकास विभाग की तरफ से अर्थ सहाय योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत अनाथ बच्चे के बैंक खाते में 5 लाख रुपए जमा किए जाते हैं। बच्चा के वयस्क होने पर ब्याज समेत यह राशि मिलती है। इसके अलावा संगोपन के लिए बच्चे को हर महीने 1100 रुपए भी दिए जाते हैं। सूत्रों के अनुसार जिले में कोरोना से सैकड़ों बच्चे अनाथ हुए, लेकिन विभाग तक केवल 78 मामले ही पहुंच सके हैं। विभाग की तरफ से घर-घर जाकर सर्वे किया जाता है। इतनी कम संख्या में मामले विभाग तक पहुंचने से सवाल उठ रहा है कि या तो अधिकारी अनाथ बच्चों तक नहीं पहुंचे या पीड़ित बच्चे अधिकारी तक पहंुच नहीं सके। 52 बच्चों के खाते 5-5 लाख की राशि जमा हुई है।
544 महिलाओं के मामले हुए मंजूर
कोरोना से पति खो चुकी गरीब महिलाओं को संजय गांधी निराधार योजना के तहत लाभ देने का निर्णय सरकार की तरफ से लिया गया है। महिला व बाल विकास विभाग ने पांच महीने पहले ही साढ़े पांच सौ महिलाआें को संजय गांधी निराधार योजना का लाभ देने का दावा किया था। जबकि वे मामले विभाग ने केवल मंजूर किए थे आैर लाभ मिलने की प्रक्रिया में थे। पालकमंत्री की घोषणा के बाद संजय गांधी निराधार योजना की समितियों का गठन हुआ। उसके बाद मामलों का निपटारा होना शुरू हुआ। बहरहाल कोविड से पति गवां चुकी 544 महिलाआें को ही निराधार योजना का लाभ मिला है, जबकि विभाग के पास एक हजार आवेदन पहुंचे हैं।
अधिकारी से नहीं मिला प्रतिसाद
कोविड पीड़ितों के मामलों पर जहां सरकार गंभीर नजर आ रही, वहीं जिला महिला व बाल विकास अधिकारी अपर्णा कोल्हे ने मोबाइल उठाना भी जरूरी नहीं समझा। वाट्स एप व एसएमएस किया, लेकिन जवाब नहीं दिया। कार्यालय पहुंचने पर काम से बाहर होने की जानकारी मिली। विभाग की योजना के बारे में बोलने का अधिकार श्रीमती कोल्हे को ही है।
Created On :   9 Jan 2022 5:05 PM IST