सुरक्षा नियमों का पालन नहीं- उपराजधानी की 55% बहुमंजिला इमारतें हैं असुरक्षित

55% of multi-story residential and commercial buildings are unsafe in Nagpur
सुरक्षा नियमों का पालन नहीं- उपराजधानी की 55% बहुमंजिला इमारतें हैं असुरक्षित
सुरक्षा नियमों का पालन नहीं- उपराजधानी की 55% बहुमंजिला इमारतें हैं असुरक्षित

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एक तरफ बढ़ती गर्मी के साथ आग लगने की घटनाएं काफी बढ़ रही हैं, वहीं महानगर की अधिकतर बहुमंजिली इमारतों में अब भी सुरक्षा संबंधी नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। शहर के अग्निशमन विभाग के अनुसार विभाग को  अप्रैल माह के 1 से 26 तारीख के बीच आग  लगने की 170 सूूचनाएं मिलीं, यानी प्रति दिन 6 कॉल आए। दूसरी ओर मनपा अग्नि व आपातकालीन सेवा विभाग ने शहर के 55 फीसदी बहुमंजिली आवासीय व व्यावसायिक इमारतों को असुरक्षित बताया है। विभाग की ओर से हाईकोर्ट में दायर हलफनामे के अनुसार शहर की 3648 बहुमंजिली इमारतों की जांच में 2025 इमारतों में सुरक्षा संबंधी  नियमों का उल्लंघन पाया गया है। विभाग द्वारा शहर की 1045 इमारतों को पहले ही रहने के लिहाज से असुरक्षित घोषित किया जा चुका है।

कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है अग्निशमन विभाग

फिलहाल अग्निशमन विभाग के 8 स्टेशन काम कर रहे हैं। स्टेशन की संख्या के अनुसार कर्मचारियों की संख्या अपर्याप्त है। 557 कर्मचारियों की जगह केवल 149 कर्मचारी हैं, जिनमें 90 फायरमैन हैं। यहां तक कि कर्मचारियों की कमी के कारण त्रिमूर्तिनगर में बनाए गए नए स्टेशन में काम शुरू नहीं हो पाया है। विभाग के सूत्रों के अनुसार जाड़े के मौसम में जहां प्रतिदिन एक या दो कॉल आते थे, वहीं आजकल आग लगने की प्रतिदिन 5 या 6 कॉल आ रहे हैं। 

आग लगने की कई घटनाएं

हाल ही में शहर में आग लगने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें सुरुचि मसाले के कोल्ड स्टोरेज और प्लास्टिक उद्योग की इकाई, आरा मशीन और लड़की के गोदाम में लगी आग की घटनाएं शामिल हैं। 

बिजली की ज्यादा खपत भी कारण 

गर्मी के दिनों में बिजली की खपत बढ़ने से ट्रिपिंग की दर बढ़ जाती है। इस दौरान तार से होने वाले स्पार्क से आग लगने की आशंका बढ़ जाती है। इसके साथ ही गर्मी में आग तेजी से फैलती है, जिससे उसका विकराल रूप धारण करने की आशंका भी बढ़ जाती है। राज्य मेें पिछले 11 वर्ष से जरूरी होने के बावजूद औद्योगिक इकाइयों के फायर एनओसी नहीं लेने के मामलों पर सख्ती अपनाते हुए राज्य सरकार के डायरेक्टरट आॅफ  इंडस्ट्रियल सेफ्टी एंड हेल्थ की ओर से औद्योगिक इकाइयों को फायर एंड इमर्जेंसी डिपार्टमेंट आैर बिल्डिंग प्लान सेक्शन से एनआेसी लेना अनिवार्य कर दिया गया है। इनमें कोल्ड स्टोरेज भी शामिल हैं। औद्योगिक इकाइयों के लाइसेंस के नवीनकरण के लिए भी यह एनओसी अनिवार्य होगा। विभाग ने ऐसी इकाइयां, जिनके पास विभाग को एनओसी नहीं है, उनके लाइसेंस का वार्षिक नवीनकरण पर भी रोक ला दी है। इस बारे में इंडस्ट्रियल सेफ्टी एंड हेल्थ विभाग के अतिरिक्त निदेशक की ओर से सभी औद्योगिक इकाइयों को पत्र भेजकर एक सप्ताह के अंदर फायर आैर बिल्डिंग प्लान विभाग का एनओसी जमा किए जाने की ताकीद की गई है।

Created On :   5 May 2019 6:37 PM IST

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