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खत्म होगी 58 साल पुरानी भू-राजस्व संहिता, आएगा नया भूमि प्रबंधन कानून
डिजिटल डेस्क,भोपाल। 58 साल पुरानी मप्र भू-राजस्व संहिता 1959 खत्म होने जा रही है। इसकी जगह नया मप्र भूमि प्रबंधन अधिनियम लाया जा रहा है। आगामी दिसंबर महीने में इस नए कानून का प्रारुप तैयार हो जाएगा जिसे विधानसभा में विधेयक के रुप में पेश किया जाएगा। दरअसल मप्र राजस्व संहिता भी एक कानून ही है जो विधानसभा से पारित है। भारतीय दण्ड संहिता की तरह यह भी एक कानून है। इतने लंबे समय में अब यह संहिता अप्रासांगिक हो गई है तथा इसमें काफी समय से परिवर्तन की मांग की जा रही थी। इसीलिए राज्य सरकार ने पहले 25 अगस्त 2015 को राज्य भूमि सुधार आयोग का गठन किया जिसे 5 बिन्दुओं पर अनुशंसाएं देने का काम सौंपा गया।
ये पांच बिन्दू हैं
1.भूमियों के प्रभावी प्रबंधन के लिए आवश्यक विधिक संशोधन।
2.राजस्व प्रशासन को सुदृढ़ बनाने के उपाय।
3.भूमि स्वामियों, पट्टेदारों एवं अन्य भूमिधारकों और प्रशासन के बीच संव्यवहार को सरल एवं नागरिकोन्मुखी बनाना।
4.राजस्व सेवाओं के प्रभावी प्रदाय के उपाय।
5.अनुसूचित जनजाति,अनुसूचित जाति के भूमि स्वामियों, लघु एवं सीमांत कृषकों के हित संरक्षण के उपाय।
आयोग अब तक दो प्रतिवेदन राज्य सरकार को सौंप चुका है जिनमें पहला राज्य में भूदान भूमियों और भूदान धारकों की स्थिति और भविष्य की दिशा के बारे में है जबकि दूसरा भूमि और राजस्व प्रशासन में सुधार के अंतर्गत राजस्व मंडल में सुधार से संबंधित है। नया भूमि प्रबंधन कानून भी इसी आयोग की अनुशंसा के तहत बन रहा है।
राज्य सरकार ने गत 27 सितंबर 2017 को नया भूमि प्रबंधन अधिनियम तैयार करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। इसमें राज्य भूमि सुधार आयोग के अध्यक्ष इंद्रनील दाणी अध्यक्ष तथा अपर मुख्य सचिव संसदीय कार्य इकबाल सिंह बैंस तथा प्रमुख सचिव राजस्व अरुण पाण्डे सदस्य बनाए गए हैं जबकि सचिव राजस्व विभाग हरिरंजन राव सदस्य सचिव नियुक्त किए गए हैं। यह समिति अब विभागीय अधिकारियों के साथ बैठकें करेगी तथा विषय विशेषज्ञों/विधि वेत्ताओं को भी बैठकों में आमंत्रित करेगी।जिसके लिए उन्हें यात्रा/ठहरने के व्यय एवं प्रति बैठक एक हजार रुपए की सीटिंग फीस का भी भुगतान करेगी। समिति ने नए कानून को बनाने के लिए 160 प्रश्नों की प्रश्नावली भी तैयार की है।अशोक कुमार गुप्ता राज्य भूमि सुधार आयोग सदस्य सचिव का कहना है कि मप्र भू-राजस्व संहिता को खत्म कर उसके स्थान पर नया भूमि प्रबंधन कानून अस्तित्व में आएगा। इस हेतु समिति गठित हो गई है। कोशिश है कि दिसंबर माह तक नए कानून का प्रारुप सरकार को सौंप दिया जाए।
Created On :   11 Oct 2017 3:13 PM IST