24 स्कूलों में कम हो गए 6 हजार बच्चे -प्रमुख सचिव ने जताई नाराजगी, बताना होगा कारण

6 thousand children reduced in 24 schools - Chief Secretary expressed displeasure, must tell reason
24 स्कूलों में कम हो गए 6 हजार बच्चे -प्रमुख सचिव ने जताई नाराजगी, बताना होगा कारण
24 स्कूलों में कम हो गए 6 हजार बच्चे -प्रमुख सचिव ने जताई नाराजगी, बताना होगा कारण

डिजिटल डेस्क कटनी । जिले के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल से ड्राप आउट बच्चों के बारे में भारत सरकार के आरटीई विंग ने जो रिपोर्ट भेजी है। उस रिपोर्ट ने राज्य शिक्षा केन्द्र की नींद उड़ा दी है। यू-डाइस में जानकारी प्रविष्ट नहीं किए जाने पर जिला शिक्षा केन्द्र की लापरवाही मानते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव ने नाराजगी भी व्यक्त की है। जिले में ऐसे स्कूलों की संख्या 24 है, जहां पर एक वर्ष के अंतराल में 6242 बच्चे कम हो गए। इस संबंध में जिला मिशन संचालक से एक-एक स्कूल में नामांकन में कमी या वृद्धि की जानकारी कारण सहित मांगी गई है।
रिपोर्ट में अंतर
भारत सरकार को जो रिपोर्ट जिला शिक्षा केन्द्र ने भेजी है। उसमें एक भी स्कूल ऐसा नहीं है, जहां पर बच्चों की संख्या कम होने की बात शिक्षकों ने मानी है। यही अधूरी जानकारी शिक्षा विभाग के गले की फांस बनी हुई है। सूची में दो दर्जन स्कूल ऐसे हैं। यहां पर करीब छह हजार बच्चे वर्ष 2017-18 की अपेक्षा 2018-19 में कम हुए हैं। इन स्कूलों में 2017-18 में 16957 विद्यार्थी दर्ज रहे तो अगले वर्ष इनकी संख्या 10715 तक पहुंच गई।
कहां गए हजारों बच्चे
प्राइवेट स्कूल में इक्रीज बच्चों की संख्या ने शिक्षा विभाग की और चिंता बढ़ा दी है। यदि सरकारी स्कूल से छह हजार बच्चे कम हुए तो प्राइवेट स्कूलों में इनकी संख्या बढऩी थी। इसके बावजूद जिले के चार प्राइवेट स्कूल ही ऐसे रहे, जहां पर वर्ष 2018-19 के शैक्षणिक सत्र में 1312 अधिक विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया। इसके बावजूद पांच हजार का जो गैप है। वह शिक्षा के अधिकार के दावों की पोल खोल रहा है।  सरकारी स्कूल की बात करें तो सिर्फ एक स्कूल ऐसा है, जहां पर 213 विद्यार्थी बढ़े हैं।
प्रत्येक विद्यार्थी  का करें पता
जिला शिक्षा केन्द्र को प्रत्येक विद्यार्थी की जानकारी यू-डाइस में दर्ज करनी होगी। इसमें वह कारण भी बताना होगा कि स्कूलों से बच्चों की संख्या एकाएक क्यों कम हुई है। इस संबंध में पहले ही निर्देश दिए गए थे कि यू-डाइस में एक-एक बच्चों की जानकारी कारण सहित भरी जाए। इसके बावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारी लगातार लापरवाही बरत रहे हैं। इस संबंध में एपीसी एनपी दुबे किसी प्रकार का जवाब नहीं दिए।

Created On :   13 March 2020 2:35 PM IST

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