पक्षियों को बचाने के लिए हाथ से बनाकर 600 प्याऊ बांटे, शहर के तीन समाजसेवियों की पहल

600 handmade water pots distributed in city To save the birds
पक्षियों को बचाने के लिए हाथ से बनाकर 600 प्याऊ बांटे, शहर के तीन समाजसेवियों की पहल
पक्षियों को बचाने के लिए हाथ से बनाकर 600 प्याऊ बांटे, शहर के तीन समाजसेवियों की पहल

डिजिटल डेस्क मंडला। भीषण गर्मी के दौर में प्यास की वजह से रोजाना पक्षी दम तोड़ रहे है। इन्हे बचाने के लिए शहर के तीन समाज सेवियों द्वारा की गई पहल रंग ला रही है।  शहर के अलावा आसपास के ग्रामीण अंचलों में 600 पक्षी प्याऊ लगाए गए है। समाज सेवी प्याऊ बनाकर निशुल्क बांट रहे है। इससे इतनी जागरूकता बढ़ी है कि लोग सार्वजनिक स्थल और घर में प्याऊ लगाने के लिए मांग कर रहे है। 

जानकारी के मुताबिक तापमान लगातार बढ़ रहा है। पक्षियों को प्यास बुझाने के लिए पानी नहीं मिल रहा है, जिसके चलते पक्षी दम तोड़ रहे है। प्रकृति के संरक्षण के लिए पक्षियों को बचाना आवश्यक है। शहर के समाज सेवी राजेश जोशी का ख्याल इस तरफ गया। राजेश ने साथी मनीष दुबे और श्याम श्रीवास ने इस संबंध में चर्चा की। जिसके बाद पक्षियों को बचाने के लिए मुहिम शुरू करने का तीनों ने मन बनाया। इन्होने पक्षी प्याऊ बनाकर शहर में निशुल्क बांटने और लोगो को जागरूक करने का प्रयास शुरू किया।

इनके द्वारा शहर में खाली पानी की बोतल तलाशी गई। हाथ से पक्षी प्याऊ बनाकर लोगो को निशुल्क उपलब्ध कराए गए। तीनों की मेहनत अब रंग ला रही है। मंडला, मोहगांव बम्हनी, बिछिया में करीब 600 प्याऊ लगाए जा चुके है। शहर के सार्वजनिक स्थल और घरों में प्याऊ लगाए जा रहे है। जहां पक्षियों के लिए पानी की कमी है। वहां प्याऊ लगाकर पक्षियों की प्यास बुझाने का प्रयास किया जा रहा है। 

लोगों मे बढ़ी जागरूकता 
पक्षियों को बचाने की मुहिम को एमआरएस की पहल नाम दिया गया है। इससे लोगों में जागरूकता बढ़ी है। घरों और सार्वजनिक स्थल में पक्षी प्याऊ लगाने की होड़ लगी है। जबलपुर से भी प्याऊ ले जाने की डिमांड आ रही है। शानू जैन, विकास अग्रवाल, मोनू दुबे, ब्रजेश दुबे समेत शहर के अन्य लोग पक्षी प्याऊ लेने के लिए इंतजार कर रहे है। प्याऊ बनते ही लोग ले जा रहे है। समाजसेवियों की पहल से मंडला में पक्षी प्याऊ लगाकर लोग पक्षियों को बचाने का प्रयास कर रहे है। 

प्याऊ बनाने में 15 रूपए खर्च 
एक पक्षी प्याऊ निर्माण में 15 रूपए तक का खर्च आ रहा है। तीनों समाज सेवी बाजार से रॉ मटेरियल लगाकर प्याऊ बना रहे है। प्लास्टिक की बाटल, कटोरा, पाइप, वोनफिक्स, जीआई तार, लोहे का नट इस्तेमाल कर पक्षी प्याऊ बना रहे है। प्याऊ निर्माण में तीनों का साथ पूजा दुबे भी दे रही है। प्याऊ निर्माण के लिए प्लास्टिक की बाटल समाज सेवी बटोर का लाते थे लेकिन जागरूकता बढऩे के बाद व्यापारी खाली प्लास्टिक की बाटल उपलब्ध करा रहे है। जिससे प्यास से पक्षी बचाने की मुहिम चलती रहे।

Created On :   8 May 2018 11:25 AM GMT

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