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शहडोल से गुजरने वाली 70 प्रतिशत यात्री ट्रेनें चल रही लेट,शादी ब्याह के सीजन में यात्री परेशान
डिजिटल डेस्क,शहडोल। यात्री ट्रेनों की लेटलतीफी ने शादी ब्याह के सीजन में मुसाफिरों की परेशानी बढ़ा दी है। ट्रेनों की लेटलतीफी का आलम यह है कि आदिवासी अंचल से गुजरने वाली प्रमुख यात्री ट्रेनों में से एक 12854 अमरकंटक सुपरफास्ट एक्सप्रेस को 26 नवंबर की सुबह 13 किलोमीटर की दूरी तय करने में 1 घंटे 20 मिनट लग गए। कारण यह रहा कि शहडोल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक एक पर मालगाड़ी खड़ी थी और अमरकंटक सुपरफास्ट के लिए जगह नहीं बनने के कारण 13 किलोमीटर पहले बंधवाबड़ा रेलवे स्टेशन पर बिना स्टॉपेज के खड़ी कर दी गई।
ट्रेन रात में 3.45 बजे बंधवाबाड़ा स्टेशन से चींटी चाल चलते हुए शहडोल स्टेशन पर सुबह 5.05 बजे पहुंची। यात्रियों ने बताया कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन बिलासपुर के अफसरों ने यात्री ट्रेनों को विलंब से चलाने में नित नए बदनुमा कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। आदिवासी संभाग शहडोल से गुजरने वाली 70 प्रतिशत ट्रेनें विलंब से चल रही है। इन दिनों शादी ब्याह का सीजन होने के कारण लोग ज्यादा परेशान हो रहे हैं। यात्री ट्रेनों के लगातार लेट चलने से यात्री गंतव्य तक समय पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। मजबूरी में कार व दूसरे साधनों पर ज्यादा पैसे खर्च कर सफर करने विवश हैं।
रविवार शाम शहडोल पहुंचने वाली ट्रेनों की यह रही स्थिति
> 1 घंटे 57 मिनट की देरी से चली 18477 पुरी-वायएनआरके उत्कल एक्सप्रेस
> 1 घंटे 12 मिनट लेट रही 08748 कटनी-बिलासपुर मेमू
> 1 घंटे 03 मिनट विलंब से चल रही थी 11265 जबलपुर-अंबिकापुर एक्सप्रेस
> 45 मिनट की देरी से चल रही थी 18574 भगत की कोठी-विशाखापटनम एक्स.
सोशल मीडिया में परेशानी बता रहे यात्री
- 15231 बरौनी-गोंदिया के 26 नवंबर को शहडोल में 3 घंटे 10 मिनट विलंब से चलने पर विनीता मिश्रा ने लिखा कि बिलासपुर-कटनी के बीच चलने वाली ट्रेनों के मामले में ना जाने प्रबंधन का यात्रियों से कैसा बैर है, जिस ट्रेन में सफर करें वही लेट।
- यात्री प्रेम नारायण सोनी ने लिखा कि 26 नवंबर को रात 11.10 बजे शहडोल पहुंचने वाली 18247 बिलासपुर-रीवा कितनी देरी से चल रही है, इसकी जानकारी ही प्रदर्शित नहीं हो रही थी। 139 में भी किसी प्रकार की जानकारी नहीं मिली।
- तीन दिन पहले भोपाल से शहडोल आ रहे यात्री नीरज शुक्ला ने बताया कि उनकी ट्रेन 5 घंटे की देरी से चल रही थी। अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसी स्थान पर 5 घंटे विलंब से पहुंचने के क्या नुकसान है।
Created On :   28 Nov 2022 3:13 PM IST