जिले की गोदामों में रखा था 700 टन अमानक चावल -  28 में से 26 नमूने को एफसीआई ने किया फेल

700 tons of non-standard rice was kept in the godowns of the district - 26 out of 28 samples failed by FCI
 जिले की गोदामों में रखा था 700 टन अमानक चावल -  28 में से 26 नमूने को एफसीआई ने किया फेल
 जिले की गोदामों में रखा था 700 टन अमानक चावल -  28 में से 26 नमूने को एफसीआई ने किया फेल

डिजिटल डेस्क कटनी । बालाघाट और मंडला में घटिया चावल मिलने के बाद अब कटनी के गोदामों में 700 टन चावल अमानक निकला है। इसकी पुष्टि एफसीआई की जांच टीम ने लैब रिपोर्ट के आधार पर की है। इसमें से तो कुछ गोदामों में चावल का ग्रेड इतना निम्न स्तर का रहा कि यह चावल मवेशियों के खाने लायक भी नहीं रहा। रिपोर्ट आने के बाद नागरिक आपूर्ति निगम विभाग में सन्नाटा पसरा हुआ है तो मिलर्स की बेचैनी तेज हो गई है। दरअसल प्रदेश के जब कई जिलों में घटिया चावल सप्लाई किए जाने का मामला सरकार के पास पहुंचा तो भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों से गोदामों में रखे चावल की जांच कराई। कटनी में 28 लॉट के नमूने केन्द्रीय टीम ने सितम्बर माह में लिए थे। हाल ही में आई लैब से जांच रिपोर्ट में 26 चावल के नमूने फेल हो गए। सफेद चावल का काला सच सामने आने पर नॉन के अधिकारी मिलर्स और गोदामों का भी नाम नहीं बता पा रहे हैं।
फ्री के चावल में हुआ था खेल
विभागीय सूत्र बताते हैं कि लॉकडाउन के समय चावल खपाने का खेल मिलर्स और नॉन ने मिलकर किया। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अप्रैल, मई और जून माह में जरुरतमंदों को सैकड़ों टन चावल बांट दिए। काम-काज बंद होने के कारण जरुरतमंद इसे सरकार की मेहरबानी समझे और इसमें बड़ा खेल हो गया। इसके तहत अप्रैल से लेकर सितम्बर तक करीब 2459 मीट्रिक टन चावल खपाया गया। घरों में रहने के कारण गरीब वर्ग के लोगों के लिए यह बड़ी मदद रही। इस मदद को अफसरों सांप भी मर जाए और लाठी भी नहीं टूटे की तर्ज पर भुनाया।
बारह हजार मीट्रिक टन का वितरण
जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आ चुकी है कि गोदामों में औसत 92 फीसदी चावल अमानक रहा। जानकार बताते हैं कि इस चावल को तो नान के गुणवत्ता निरीक्षक ने मिलर्स के साथ मिलकर पास कर दिया था। यदि बालाघाट और मंडला में घटिया चावल वितरण की जानकारी न आई होती तो हमेशा की तरह कटनी में भी अमानक चावल गरीबों के बीच खपा दिया जाता। अप्रैल, मई और जून माह में ही पात्रता पर्चीधारियों के लिए करीब 14 हजार मीट्रिक टन चावल का आवंटन हुआ था। जिसमें करीब 12 हजार मीट्रिक टन चावल का वितरण भी कार्डधारियों को हुआ था।
इनका कहना है
 केन्द्रीय टीम ने 28 जगहों से चावल के सैंपल लिए थे। जांच रिपोर्ट में 26 नमूने अमानक स्तर के निकले। जिस समय सैंपल लिए थे, उसी समय वितरण पर रोक लगा दी गई थी। किस मिलर्स के कितने लॉट चावल फेल हुए। इस संबंध में उच्चाधिकारियों से निर्देश मिलने के बाद ही मिलर्स के नाम बताए जा सकते हैं।
 -पीयूष माली,  प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम
 

Created On :   6 Oct 2020 3:27 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story