2022 में मोबाइल सेवा के दायरे में आएंगे देश के 44 आकांक्षी जिलों के 7287 गांव

7287 villages of 44 aspirational districts of the country will come under the ambit of mobile service
2022 में मोबाइल सेवा के दायरे में आएंगे देश के 44 आकांक्षी जिलों के 7287 गांव
महाराष्ट्र 2022 में मोबाइल सेवा के दायरे में आएंगे देश के 44 आकांक्षी जिलों के 7287 गांव

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूनियन कैबिनेट ने बुधवार को महाराष्ट्र सहित पांच राज्यों के आकांक्षी जिलों के उन गांवों में मोबाइल सेवा के प्रावधान को मंजूरी दे दी है, जो मोबाइल सेवा के दायरे से बाहर है। इस परियोजना के तहत महाराष्ट्र के अलावा आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ, झारखंड और ओडिशा के 44 आकांक्षी जिलों के 7287 गांवों में 4 जी मोबाइल सेवाएं पहुंचाई जाएगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 6466 करोड़ रुपये है। इस धनराशि में पांच वर्षों का परिचालन व्यय भी शामिल है। इस परियोजना का वित्तपोषण सार्वभौमिक सेवा दायित्व निधि (यूएसओएफ) से किया जाएगा।

केन्द्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक इस परियोजना को समझौते पर हस्ताक्षर हो जाने के बाद 18 महीने के भीतर पूरा कर लिया जाना है। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में ये सेवाएं मौजूद नहीं हैं, उन चिन्हित गांवों में 4जी मोबाइल सेवा के प्रावधान से संबंधित कार्य को खुली प्रतिस्पर्धात्मक बोली प्रक्रिया के जरिए आवंटित किया जायेगा। यह प्रक्रिया यूएसओएफ की मौजूदा प्रणाली के तहत पूरी की जाएगी।

महाराष्ट्र के चार जिलों में पहुंचेगी मोबाइल सेवा

केन्द्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया से बातचीत में बताया कि इस परियोजना के तहत महाराष्ट्र के चार आकांक्षी जिले गढचिरोली, वाशिम, नंदुरबार और उस्मानाबाद के 610 गांवों में मोबाइल सेवा पहुंचाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए अगले 406 महीने में टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। उसके बाद 18-24 महीने के भीतर काम पूरा होगा और लोगों को कनेक्टिविटी मिलेगी। उनका कहना है कि मोबाइल सेवा पहुंचने से इन जिलों के दूरदराज में रहने वाले लोगों तथा छात्रों को बहुत लाभ मिलेगा।

गौरतलब है कि सरकार ने महाराष्ट्र सहित देश की 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को मार्च 2019 में ही डिजिटल कनेक्टिविटी से लैस करने का लक्ष्य तय किया था, लेकिन इसका लक्ष्य बार-बार बढाया गया और अंत में इसे अगस्त 2021 में पूरा करने का  लक्ष्य तय किया गया, लेकिन महाराष्ट्र, पंजाब सहित आधा दर्जन से भी राज्यों में इसके काम को गति नहीं मिल सकी। यदि तय लक्ष्य के मुताबिक काम पूरा होता तो महाराष्ट्र के आकांक्षी जिले भी डिजिटल कनेक्टिविटी के दायरे में आ जाते। ऐसे में चार जिलों को चुने जाने की वजह पूछे जाने पर मंत्री ने जवाब को टाल दिया।

Created On :   17 Nov 2021 9:51 PM IST

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