महाराष्ट्र के लिए मंजूर कुल 138 महिला छात्रावासों में से 74 हुए शुरू

74 out of total 138 women hostels sanctioned for Maharashtra
महाराष्ट्र के लिए मंजूर कुल 138 महिला छात्रावासों में से 74 हुए शुरू
महाराष्ट्र के लिए मंजूर कुल 138 महिला छात्रावासों में से 74 हुए शुरू

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । कामकाजी महिला छात्रावास योजना (वर्किंग वुमेन हॉस्टल स्कीम) के अंतर्गत मंजूर की गई 971 छात्रावासों में से अब तक 497 छात्रावास ही चालू हो पाए हैं। मतलब लगभग 50 प्रतिशत छात्रावासों के कार्यान्वयन का काम बाकी है। इस योजना के तहत सबसे ज्यादा 160 कामकाजी महिला छात्रावास केरल में बनने हैं तो महाराष्ट्र में 138 छात्रावास बनाने की मंजूरी मिली है।

केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि केन्द्र से मंजूरी मिले कुल 971 महिला छात्रावासों में से लगभग 50 प्रतिशत से ज्यादा छात्रावास चालू हो चुके हैं। शेष छात्रावासों के निर्माण का कार्य तेजी पर है। केरल में इस तरह के 160 मंजूर छात्रावासों में से 114 छात्रावास बनकर चालू हो गए हैं। इसी प्रकार महाराष्ट्र के लिए 138 मंजूर महिला छात्रावासों में से 74 छात्रावास काम करने लगे हैं। मध्यप्रदेश में 62 कामकाजी महिला छात्रावास बनने हैं, लेकिन यहां अब तक सिर्फ तीन छात्रावास ही चालू हैं। दिलचस्प यह कि बिहार, जम्मू कश्मीर, त्रिपुरा और उत्तराखंड में कामकाजी महिलाओं के लिए अब तक एक भी छात्रावास चालू नहीं हो पाया है। इस मामले में दिल्ली बेहतर स्थिति में है जहां मंजूर कुल 20 छात्रावासों में से 17 छात्रावास चालू भी हो गए हैं।

क्या है कामकाजी महिला छात्रावास योजना
कामकाजी महिला छात्रावास योजना का उद्देश्य कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित और किफायती आवास के साथ निवासियों के बच्चों को डे-केअर सुविधान प्रदान करना है। कामकाजी महिलओं में एकल, विधवा, तलाकशुदा, पति से अलग हुई अथवा शादीशुदा महिलाएं जिनके पति या करीबी रिश्तेदार आसपास नहीं रहते हों और वे महिलाएं जिनका नौकरी के लिए प्रशिक्षण चल रहो हो, इस योजना के पात्र हैं। इस योजना के तहत वही महिलाएं आवेदन कर सकती हैं, जिनकी आय 50 हजार रूपये या उससे कम है (ग्रामीण क्षेत्रों में 35 हजार रूपये)।

 

Created On :   24 July 2021 2:01 PM GMT

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