फ्लाईओवर की जद में आया 75 साल पुराना प्रदेश का पहला म्यूजिक कॉलेज, छात्रों ने कहा- बचे इसका गौरव

75 years old states first music college came under flyover, students said - its pride left
फ्लाईओवर की जद में आया 75 साल पुराना प्रदेश का पहला म्यूजिक कॉलेज, छात्रों ने कहा- बचे इसका गौरव
खतरे में पद्मश्री सम्मान दिलाने वाले संगीत महाविद्यालय का अस्तित्व फ्लाईओवर की जद में आया 75 साल पुराना प्रदेश का पहला म्यूजिक कॉलेज, छात्रों ने कहा- बचे इसका गौरव

डिजिटल डेस्क जबलपुर । प्रदेश में जब शास्त्रीय संगीत सीखने का कोई माध्यम नहीं था, तब भातखंडे संगीत महाविद्यालय पूरे मध्य भारत की प्रतिभाओं के लिए सहारा बना। इसने न केवल संगीत की बेलों को सिंचित और पल्लवित किया, बल्कि ऐसे कलाकार भी दिए, जिन्होंने सात समुंदर पार तक संस्कारधानी के नाम का परचम फहराया। पद्मश्री  जैसे अवॉर्ड तक उनके हिस्से में आए। कला क्षेत्र से जुड़े लोग सन् 1947 में स्थापित इस गौरवशाली महाविद्यालय को आजादी की निशानी और सांस्कृतिक विरासत भी मानते हैं। आज इसी विरासत का अस्तित्व खतरे में हैं। फ्लाईओवर के निर्माण में इस महाविद्यालय का अधिकांश हिस्सा आ रहा है और उस हिस्से को तोडऩ़े का नोटिस भी जारी हो चुका है। कभी भी जेसीबी सुर-साधना के इस केन्द्र को गिरा देगी। इससे कलाकारों को कोई एतराज भी नहीं है। उनकी माँग केवल इतनी है कि इमारत के ढहने से पहले कोई नया विकल्प दिया जाए ताकि देश को नामी कलाकार देने वाले इस महाविद्यालय को अन्यत्र स्थापित कर उसके गौरव को बचाया जा सके। इसके लिए छात्रों ने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है। संगीत से जुड़े छात्रों का कहना है कि शहर के लिए फ्लाईओवर बेहद जरूरी है लेकिन  देश को अनेक नामी कलाकार देने वाले इस महाविद्यालय को भी जीवंत रखा जाना चाहिए। फ्लाईओवर के पिलर जैसे-जैसे महाविद्यालय के करीब आते जा रहे हैं, शिक्षकों और छात्र-छात्राओं की साँसें फूल रही हैं।  
कला के क्षेत्र में ऊँचा किया संस्कारधानी का नाम 
तबले की बात होती है तो उस्ताद जाकिर हुसैन का नाम सामने आता है लेकिन पं. विजय घाटे की प्रसिद्धि भी कम नहीं है। देश और दुनिया में उनके लाखों चाहने वाले हैं। उन्हें वर्ष 2014 में पद््मश्री अलंकरण से नवाजा गया और पं. घाटे इसी महाविद्यालय के छात्र थे। पं. किरण देशपांडे का भी तबला वादन में बड़ा नाम है और वे भी यहीं के छात्र थे। प्रसिद्ध फिल्म संगीतकार स्व. आदेश श्रीवास्तव को कौन नहीं जानता वे खुद इसी महाविद्यालय की उपज थे। लॉकडाउन के पहले थे 500 स्टूडेंट 6 कॉलेज के प्रिंसिपल विलास मंडपे ने बताया कि फिलहाल कॉलेज में गायन, तबला और कथक में एमए कराया जा रहा है। लॉकडाउन के पहले तक यहाँ लगभग 500 स्टूडेंट थे। पहले तो यहाँ सितार, वायलिन, गिटार आदि की कक्षाएँ भी लगती थीं, लेकिन शिक्षक रिटायर होते गए और उसके बाद शासन ने नए शिक्षकों की भर्ती ही नहीं की। इसके लिए नई भर्तियाँ भी की जानी चाहिए।
सबसे पहले हो विस्थापन की बात 
महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है और उनसे माँग की है कि इमारत को तोडऩे के पहले उसके विस्थापन की बात की जाए। आसपास कई सरकारी इमारतें व स्कूल हैं जिनमें इस महाविद्यालय को भी आसानी से शिफ्ट किया जा सकता है।  
 

Created On :   29 Oct 2021 3:13 PM IST

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