लॉकडाउन में जब लोग गंवा रहे थे नौकरी, तो 750 को दिलाया रोजगार, गरीब युवाओं को ड्राइविंग की मुफ्त ट्रेनिंग

750 got employment, free driving training to poor youth
लॉकडाउन में जब लोग गंवा रहे थे नौकरी, तो 750 को दिलाया रोजगार, गरीब युवाओं को ड्राइविंग की मुफ्त ट्रेनिंग
मदद के हाथ लॉकडाउन में जब लोग गंवा रहे थे नौकरी, तो 750 को दिलाया रोजगार, गरीब युवाओं को ड्राइविंग की मुफ्त ट्रेनिंग

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संक्रमण के समय जब बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी नौकरी गंवाई है। उसी दौरान राइज इंडिया फाउंडेशन नाम की एक गैर सरकारी संस्था ने 750 से ज्यादा गरीब युवाओं को रोजगार हासिल करने में मदद की है। दरअसल संस्था जरूरतमंद युवाओं को दुपहिया, तीन पहिया और चार पहिया वाहन चलाने की ट्रेनिंग देती है और फिर लाइसेंस दिलाकर उन्हें डिलिवरी बॉय, ड्राइवर और दूसरे काम हासिल करने में मदद करती है। खास बात यह है कि संस्था ने जिन लोगों को प्रशिक्षण देकर रोजगार हासिल करने में मदद की है उनमें 60 फीसदी से ज्यादा महिलाएं हैं। कई महिलाएं समय और जरूरत के मुताबिक कुछ घंटे ही काम करतीं हैं जिसकी उन्हें दूसरी नौकरी में आजादी नहीं होती। जिन लोगों को ट्रेनिंग दी गई उनमें करीब 200 युवा नागपुर के भी हैं। राइज इंडिया के निदेशक आदेश गुप्ता ने बताया कि पिछले साल जब लॉकडाउन था तब सरकार ने होटल, रेस्टारेंट, फूड ऐप, ऑनलाइन शॉपिंग, किराना सामान की होम डिलिवरी की इजाजत दी थी। यह उन युवाओं के लिए रोजगार का मौका था जो ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं और जिनके पास दूसरे हुनर और कमाई के साधन नहीं हैं। हमने स्थानीय निकायों, गैरसरकारी संस्थाओं की मदद से देशभर के ऐसे इलाकों में जाकर लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए चुना जहां सुविधाएं नहीं थीं। पिछले एक साल में संस्था की मदद से एक हजार से ज्यादा लोगों को दुपहिया और चार पहिया चलाने की ट्रेनिंग देकर पहले लाइसेंस दिलाया गया और फिर बाद में विभिन्न कंपनियों से संपर्क कर उन्हें नौकरी दिलाने में मदद की। संस्था पिछले नौ सालों में सात हजार से ज्यादा लोगों को इसी तरह नौकरी हासिल में मदद कर चुकी है। गुप्ता ने कहा कि वैसे तो यह सामान्य बात लगती है लेकिन जिनके पास साधन नहीं हैं उनके लिए गाड़ी चलाना सीखना बेहद मुश्किल होता है। वे खुद गाड़ी खरीद नहीं सकते, सीखने के लिए कोई दूसरा अपना वाहन नहीं देता और ड्राइविंग स्कूल का खर्च उठाने के लिए उनके पास पैसे नहीं रहते। गुप्ता ने कहा कि एक व्यक्ति के नौकरी हासिल करने का फायदा उससे जुडे औसतन 5 लोगों को होता है। इसलिए इस मुहिम के जरिए बड़ी संख्या में लोगों के जीवन को प्रभावित करने में सफलता मिली है। जिन लोगों को प्रशिक्षण दिया गया है उनमें ग्रामीण इलाकों के लोग भी शामिल हैं।

दी जाती है काम से जुड़ी हर जानकारी

संस्था युवाओं को सिर्फ गाड़ी चलाने की नहीं स्मार्ट फोन, गूगल मैप, डिलिवरी ऐप, भुगतान का तरीका और ट्रैफिक नियमों की भी जानकारी दी जाती है। इन युवाओं को बैंक खाते खोलने में भी मदद की जाती है। गुप्ता ने बताया कि इस काम में किशोर धारिया और अशोक जैन भी उनका मार्गदर्शन करते हैं। 
 

Created On :   20 Dec 2021 3:54 PM IST

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