जज्बे को सलाम! 77 की उम्र में युवाओं को हराकर जीता गोल्ड

77 years old sprinter from wardh have won several Gold medal
जज्बे को सलाम! 77 की उम्र में युवाओं को हराकर जीता गोल्ड
जज्बे को सलाम! 77 की उम्र में युवाओं को हराकर जीता गोल्ड

डिजिटल डेस्क,वर्धा। कामयाबी किसी उम्र की मोहताज नहीं होती है। शायद ये बात वर्धा के सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी जानराव खुशालराव लोणकर पर सटीक बैठती है। जिन्होंने 77 साल की उम्र में माउंट आबू स्थित 21 किलोमीटर की सीधी चढ़ाई कर एक कॉम्पिटीशन में गोल्ड मेडल जीता। 

गौरतलब है कि माउंट आबू स्थित ख्याति प्राप्त प्रजापिता ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय की सीधी चढ़ाई करीब साढ़े 21 किलोमीटर की है। समुद्र की सतह से 5 हजार मीटर की ऊंचाई पर मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया। सीधी चढ़ाई पर दौड़ लगाना शायद किसी युवा के लिए भी आसान काम नहीं होता, लेकिन 77 साल के खुशालराव ने न केवल कॉम्पिटीशन में पार्टिसिपेट किया बल्कि गोल्ड मेडल भी जीता।करीब साढ़े 29 वर्ष की सेवा के बाद पुलिस विभाग से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद ASI स्तर के अधिकारी रह चुके जानराव लोणकर ने अपने आपको कृषि, क्रीड़ा व सामाजिक क्षेत्र के लिए समर्पित कर दिया और इसके साथ ही उन्होंने विभिन्न शहरों में आयोजित होने वाली मैराथन दौड़ कॉम्पिटीशन में पार्टिसिपेट करना शुरू किया। 

अब तक जीते 95 मेडल
लगातार मिल रही सफलता के साथ उनका उत्साह बढ़ता चला गया और उन्होंने भारत के शहरों सहित मलेशिया व श्रीलंका जैसे देशों में आयोजित मैराथन में हिस्सा लिया। यही नहीं उन्होंने क्वालंलपुर में हुए एशियन गेम्स में भाग लेकर 7.5 किमी की मैराथन में कांस्य पदक हासिल किया। इससे पहले जानराव लोणकर मलेशिया में 5 किमी की मैराथन में स्वर्ण व रजत पदक के साथ-साथ श्रीलंका में 400 मीटर की फर्राटा दौड़ में कांस्य पदक जीत चुके हैं। 30 साल से लगातार मैराथन और फर्राटा दौड़ कॉम्पिटीशन में हिस्सा ले रहे जानराव लोणकर ने अब तक अपना पूरा दम-खम लगाते हुए करीब 95 पदक जीते हैं। 

नशे से दूर रहें युवा
अपने अनुभव साझा करते हुए जानराव लोणकर ने बताया कि जब तक उनमें दम है, वे ऐसी दौड़ प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते रहेंगे। अपने परिवार के बारे में उन्होंने बताया कि घर में हर कदम पर साथ देने वाली उनकी धर्मपत्नी सुमन लोणकर के अलावा पुत्र विवेक लोणकर हैं, जो इन दिनों हिंगणघाट में बतौर ASI पदस्थ हैं। 77 वर्ष की आयु में चुस्ती-फूर्ति रखने वाले जानराव लोणकर ने युवाओं को संदेश देते हुए उन्हें हर तरह के नशे और बुरी आदतों से दूर रहने का आह्वान किया है। 

इन तमाम उपलब्धियों के साथ ही जानराव लोणकर को बेहद अफसोस है कि स्थानीय क्रीड़ा विभाग सहित जनप्रतिनिधियों का उनकी उपलब्धियों से कोई लेना-देना नहीं रहा। वे बुजुर्गों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप में जाने के इच्छुक हैं, लेकिन उनका प्रस्ताव लालफीताशाही में अटका पड़ा है। जानराव लोणकर के मुताबिक यदि उन्हें वर्ल्ड चैंपियनशिप में जाने का मौका मिलता है, तो वे निश्चित ही देश के लिए कोई ना कोई मेडल जीतकर ला सकते हैं।

Created On :   5 Sept 2017 10:50 AM IST

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