8 संगीत नाट्य से बने नाटक ‘गर्भरेशमी’ में आवाज और अभिनय का अद्भुत संगम

8 sangeet natak based drama garbareshmi has a wonderful confluence of voice and acting
8 संगीत नाट्य से बने नाटक ‘गर्भरेशमी’ में आवाज और अभिनय का अद्भुत संगम
8 संगीत नाट्य से बने नाटक ‘गर्भरेशमी’ में आवाज और अभिनय का अद्भुत संगम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सुर, लय और ताल के साथ कलाकारों के अभिनय का अद्भुत संगम साइंटिफिक सभागृह में देखने को मिला। दर्शक नाट्य मंचन देख कर भाव-विभोर हो उठे। 8 संगीत नाट्य को एक माला में पिरोकर "गर्भरेशमी" नाटक तैयार किया गया। इसके साथ ही "माझे जीवन गाणे" में गायक कलाकार ने अपनी आवाज से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र एवं सरस्वती नाट्य मंदिर के संयुक्त तत्वावधान में "गर्भरेशमी" एवं "माझे जीवन गाणे"  कार्यक्रम का आयोजन साइंटिफिक  सभागृह लक्ष्मी नगर  में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ वीएनआईटी अध्यक्ष  डॉ. विश्राम जामदार, गायिका डॉ. कल्याणी देशमुख एवं दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक डॉ. दीपक खिरवडकर द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया।

‘माझे जीवन गाणे’ की प्रस्तुति
कार्यक्रम के दूसरे चरण में "माझे जीवन गाणे" संगीतमय कार्यक्रम की प्रस्तुति हुई। गायक एवं संगीतकार पंडित भाऊराव भट गंधर्व ने कार्यक्रम के माध्यम से पंडित जितेंद्र अभिषेकी द्वारा संगीतबद्ध की गई रचनाएं एवं गाए गए नाट्य गीत, भावगीत एवं अभंग की प्रस्तुति दी। इनमें "माझे जीवन गाणे", "शब्द वाजुन कळले सारे", "शब्दांच्या पली कड़े", "हे सखे शशि वदने", "हे छंद मकरंद" गीतों  एवं "संतांचे गाणी प्रेमाचा सुखाड़","बोलावा विट्ठल पाहावा विट्ठल" अभंगो की प्रस्तुतियां हुईं।

कला से परिचय कराया
कार्यक्रम में सर्वप्रथम "गर्भरेशमी" त्रिवेणी नाट्यविष्कार की प्रस्तुति दी गई। इसमें  8 संगीत नाट्यप्रवेश की प्रस्तुतियां हुईं। नांदी-"पंचतुंड नररुंड मालधर" की संयुक्त प्रस्तुति दी गई। तत्पश्चात संगीत सौभद्र में "वद जाऊ कुणाला शरण", संगीत शारदा में "मूर्तिमंत भीती उभी", मानापमान में "दे हाता शरणागता", रणदुदुंभी में "परवशता पाश दैवे", संगीत कुलवधू  में "मनरमना मधुसूदना", एकच प्याला में "वसुधातल रमणीय सुधाकर", मंदारमाला में "सोह हर डमरू बजे" कट्यार कालज्यात घुसली में "या भावनातील गीत पुराणे" की प्रस्तुतियां हुईं। संगीतमय नाट्य प्रस्तुति की संकल्पना एवं निर्देशन  प्रभा देऊस्कर, संहिता लेखन आचार्य अरुण वेलणकर, संगीत संयोजन डॉ. सानिका रुईकर, निवेदन श्रीमती प्रभा देऊस्कर व डॉ. अंजलि पारनंदीवार ने किया। शहर के  गायक कलाकार एवं नाट्य कलाकारों ने "गर्भरेशमी" कार्यक्रम को अपनी कला से सुशोभित किया। इसमें नेपथ्य विजय देऊस्कर, संवादिनी अमोल उरकुडे, तबले पर सचिन बक्षी ने संगत की। नाटक के सूत्रधार शशांक खरे हैं।

Created On :   20 Sept 2019 1:25 PM IST

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